बोकारो : बोकारो स्टील प्लांट के 1200 डिप्लोमा इंजीनियर्स (डीइ) को होली के पहले जूनियर इंजीनियर (जेइ) पदनाम मिलेगा. ‘पदनाम’ को लेकर चल रहे विवाद का निबटारा करने के लिए सेल प्रबंधन की ओर से गठित एनजेसीएस की सब कमेटी की बैठक 15 फरवरी को सेल कॉरपोरेट ऑफिस-नयी दिल्ली में होगी. इसमें होने वाले फैसले पर एनजेसीएस की 04 मार्च को होने वाली बैठक में मुहर लगेगी. होली 10 मार्च को है.
बैठक की ओर डीइ की टकटकी लगाये हैं.उम्मीद है बीएसएल के 1200 सहित सेल के विभिन्न प्लांट में काम कर रहे करीब 10 हजार डिप्लोमा इंजीनियर्स को अगले महीने (मार्च) नया पदनाम मिल जायेगा. कंपनी में डिप्लोमा इंजीनियर्स को नये पदनाम की मांग को लेकर लंबे समय से संघर्ष चल रहा है. सेल प्रबंधन एस-9 ग्रेड से सुपरवाइजर व जूनियर इंजीनियर पदनाम देने को तैयार है. केंद्रीय यूनियनें एस-6 ग्रेड से सुपरवाइजर व जूनियर इंजीनियर पदनाम की मांग कर रही हैं.
क्या है डिप्लोमा इंजीनियर्स के पदनाम का मामला
आईटीआई वालों की नियुक्ति एस-3 ग्रेड की बजाय एस-1 ग्रेड व डिप्लोमा इंजीनियर्स की नियुक्ति में एस-6 ग्रेड की बजाय एस-3 ग्रेड में हुआ.
ग्रेड घटाये जाने से नाराज नये डिप्लोमा इंजीनियर्स ने पदनाम को लेकर संघर्ष शुरू कर दिया. कंपनी ने डिप्लोमा इंजीनियर्स के प्रमोशन को लेकर भी कोई ठोस पॉलिसी नहीं बनाई थी. इसलिए, इस संघर्ष को सीनियर डिप्लोमा इंजीनियर्स ने भी समर्थन दिया. तब से पदनाम बदलने के लिए चर्चा का प्रस्ताव इसमें शामिल है.
अफसरों का पदनाम चार महीने पहले ही बदला डिप्लोमा इंजीनियर्स का पदनाम बदलने की मांग लंबे अरसे से लंबित है. दोनों पक्षों के बीच चल रहे विवाद के कारण मुद्दे पर किसी तरह के नतीजे तक नहीं पहुंचा जा सका है.
वहीं, अफसरों का पदनाम चार महीने पहले ही बदला जा चुका है. सभी अफसरों को एक ग्रेड आगे का पदनाम दे दिया गया है. वहीं, ड्रेस कोड भी लागू कर दिया गया है. इसके बाद से डिप्लोमा इंजीनियर्स ने भी प्रबंधन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था. बैठक में सार्थक फैसला की संभावना है.
