बोकारो : बोकारो इस्पात संयंत्र निर्माण कार्य में लगे मजदूर व अधिकारियों के रहने के लिए कैंप टू बसाया गया था. अब स्थिति ऐसी है कि कैंप टू बिना सुविधा का आवास स्थल बन गया है. न समुचित रास्ता और न ही पेयजल की व्यवस्था. ड्रेनेज सिस्टम भी पूरी तरह फेल हो गया है. कैंपवासी पिछले तीन साल से इस दर्द से गुजर रहे हैं.
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जमीन बीएसएल की, काम जिला प्रशासन का, परेशानी लोगों को
बोकारो : बोकारो इस्पात संयंत्र निर्माण कार्य में लगे मजदूर व अधिकारियों के रहने के लिए कैंप टू बसाया गया था. अब स्थिति ऐसी है कि कैंप टू बिना सुविधा का आवास स्थल बन गया है. न समुचित रास्ता और न ही पेयजल की व्यवस्था. ड्रेनेज सिस्टम भी पूरी तरह फेल हो गया है. कैंपवासी […]
दरअसल, 2001 व 2005 में कैंप में सिविल कोर्ट का निर्माण हुआ. भवन प्रमंडल की ओर से निर्माण कराया गया था. नींव खुदाई के दौरान कैंप 02 का अंडर ग्राउंड ड्रेनेज व सिवरेज सिस्टम को ध्वस्त कर दिया गया. इसके बाद स्थानीय लोगों की लाख कोशिश के बाद भी ड्रेनेज सिस्टम में कोई सुधार नहीं हुआ. नाली व शौचालय का पानी अपने हिसाब से रास्ता बनाने लगे.
कभी जमीन के भीतर बहने वाला नाली अब लोगों के दरवाजा के सामने से होकर बहती है. कैंप दो में सी, डी, व इ/एफ टाइप का क्वार्टर है. इनमें बीएसएल में कार्यरत लोगों की संख्या तो बहुत कम है, लेकिन बीएसएल से लीज पर क्वार्टर रखने वालों की संख्या व जिला प्रशासन के विभिन्न विभाग में कार्यरत लोगों की संख्या ज्यादा है.
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