उन्होंने कहा कि सीएमडी का स्पष्ट आदेश है कि बंद करगली वाशरी को चालू किया जाये. इस वाशरी में प्रतिदिन ढाई से तीन हजार टन कोयला धुलाई का कार्य होना चाहिए. कोयला मुहैया कराना स्थानीय प्रबंधन का काम है. उन्होंने कहा कि इसे कोकिंग कोल अथवा नन कोकिंग कोल वाशरी के रूप में चालू किया जा सकता है.
पीओ टीएन शर्मा ने कहा कि वाशरी में कामगारों की कमी है, वे-ब्रिज कम है. क्रशर मशीन पुरानी हो गयी है. इसलिए ढाई तीन हजार कोयला की धुलाई संभव नहीं है. इस पर जीएम श्री ओझा ने कहा कि पहले ही हार मानना ठीक नहीं है. पहले चालू करने का मन बनाएं. यहां 500 कामगार हैं, जो काफी है. उन्हें री-अरेंज करें. यह भी कहा कि कहीं यूजी माइंस बंद हुई है तो वहां के 10-15 कामगारों को ले लें. वाशरी को चालू करने के लिए कड़ाई से निर्णय लेना होगा. पत्थरयुक्त कोयला कभी स्वीकार नहीं करें, उसे वाशरी से बैरंग लौटाएं. अन्यथा वाशरी चलाना मुश्किल हो जायेगा.