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जरीडीह गांव में नहीं है एक भी शौचालय
जैनामोड : चास प्रखंड का एक गांव है जरीडीह. गांव की आबादी करीब दो हजार है और करीब एक सौ घर हैं. यहां किसी के किसी के घर में शौचालय नहीं बना है. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वाकांक्षी अभियान स्वच्छ भारत देश भर में चलाया जा रहा है. चास के ही कई शहरी व […]
जैनामोड : चास प्रखंड का एक गांव है जरीडीह. गांव की आबादी करीब दो हजार है और करीब एक सौ घर हैं. यहां किसी के किसी के घर में शौचालय नहीं बना है. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वाकांक्षी अभियान स्वच्छ भारत देश भर में चलाया जा रहा है. चास के ही कई शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया जा चुका है, यानी यहां घर-घर में शौचालय है.
जरीडीह गांव के दुर्गा प्रसाद सिंह, भरत सिंह व दिगंबर सिंह ने बताया कि कई पीढ़ियां गुजर गयीं, लेकिन अब तक गांव में एक भी शौचालय नहीं बना है. शौचालय नहीं होने से बुजुर्गों को बहुत परेशानी होती है.
दो हजार की आबादी के लिए बस तीन हैंड पंप : जरीडीह गांव में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है. यह गांव विस्थापित क्षेत्र में होने के कारण किसी पंचायत से जुड़ा नहीं है. सरकार की विधवा पेंशन, इंदिरा आवास, प्रधानमंत्री आवास, वृद्धा पेंशन, चिकित्सा सेवा आदि योजना का लाभ नहीं मिला है. बोकारो स्टील प्लांट से भी कोई सुविधा नहीं मिल रही है. जबकि इसी गांव के नाम से जरीडीह प्रखंड और जरीडीह थाना चल रहा है. गांव के बुजुर्गों ने बताया कि पूरे गांव में सिर्फ तीन हैंड पंप हैं. एक बाल्टी पानी के लिए घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ता है. पानी भरने के लिए कई बार विवाद भी हो जाता है. हमारी समस्याओं को देखने वाला कोई नहीं है.
किसी पंचायत से नहीं जुड़ा है गांव
रामचिरत सिंह, देव प्रकाश सिंह, मान सिंह, बंटी सिंह, संतोष सिंह, विक्रम सिंह, प्रकाश रजक, धर्मेंद्र रजक, दिलीप रजक, नुनूचांद बावरी, छागडु बाउरी, कालाचांद बाउरी, रोबिन बाउरी, दिलचांद मांझी, रुपलाल मांझी, गुजा मांझी, कंचन देवी, पूजा देवी आदि ने कहा कि हमारा गांव किसी पंचायत में नहीं है. इसके कारण योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. जरीडीह गांव को करिहीया पंचायत से जोड़ने के लिए उपायुक्त, मंत्री, विधायक व सांसद को पत्राचार किया जा चुका है. लेकिन, सिर्फ आश्वासन ही मिला है.
जरीडीह गांव विस्थापित पुनर्वास क्षेत्र है. किसी पंचायत में शामिल नहीं होने के कारण इस गांव में शौचालय सहित सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस गांव को पंचायत में शामिल होने के बाद ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा.
कपिल कुमार, बीडीओ, चास
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