रांची/हटिया: धुर्वा थाना क्षेत्र के डैम साइड निवासी वार्ड 39 के पार्षद रत्नेश कुमार की हत्या के विरोध में शनिवार को धुर्वा बंद रहा. आक्रोशित लोग घटना में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क पर उतर गये.
इस दौरान लोगों ने धुर्वा गोल चक्कर, विधानसभा चौक, धुर्वा स्टेट बैंक सीसीएल चौक के पास टायर में आग जला कर सड़क जाम कर दिया और हंगामा किया. इसके साथ ही आक्रोशित लोगों ने विधानसभा चौक और गोल चक्कर के पास पांच-छह ऑटो में तोड़-फोड़ की. तोड़-फोड़ का विरोध करने पर ऑटो चालक के साथ मारपीट भी की गयी.
विरोध करनेवालों का कहना था कि हत्या पुलिस की लापरवाही की वजह से हुई है. पुलिस पहले से सतर्क रहती तो रत्नेश कुमार की जान बचायी जा सकती थी. घटना की सूचना मिलने पर हटिया डीएसपी के नेतृत्व में विभिन्न थानेदार धुर्वा पहुंचे. इसके बाद हंगामा करनेवाले लोगों को खदेड़ा गया. जलाये गये टायर को बुझाया गया, तब जाकर मामला शांत हुआ. घटना के विरोध में धुर्वा बंद असरदार रहा. दुकानें और बाजार भी बंद रहीं, गाड़ियों का परिचालन तक नहीं हुआ.
पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद सुबह करीब छह बजे परिजनों को समझा बुझा कर रत्नेश के शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया था. पोस्टमार्टम के बाद रत्नेश का शव तीन बजे डैम साइड स्थित आवास पहुंचा. रत्नेश के शव का अंतिम संस्कार सीठियो घाट में हुआ. शव यात्र में काफी संख्या में लोग सीठियो घाट पहुंचे. इसमें मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजय वर्गीय, वार्ड के सभी पार्षद, सीइओ मनोज कुमार, खिजरी विधानसभा भाजपा प्रत्याशी रामकुमार पाहन, कांग्रेस प्रत्याशी सुंदरी तिर्की सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल थे. रत्नेश सिंह के परिजनों को पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20 हजार रुपये दिये गये हैं.
उल्लेखनीय है कि रत्नेश की हत्या शुक्रवार की रात कर दी गयी थी. अपराधियों ने घर में घुस कर उसे गोली मार दी थी. रत्नेश की मौत घटना स्थल पर ही हो गयी थी. घटना को लेकर शनिवार को पुलिस ने मृतक के मामा डॉ टीएन सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है. जिसमें हत्या का नामजद आरोपी चार लोगों को बनाया गया है.
आरोपियों में राजीव रंजन सिंह, प्रकाश कुमार, विश्वनाथ प्रताप सिंह उर्फ बीपी, प्रिंस उर्फ लाली शामिल हैं. इसके साथ ही दो अन्य के खिलाफ हत्या में शामिल होने को लेकर केस दर्ज किया गया है, जिसमें पुलिस ने प्रकाश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है जबकि राजीव रंजन के भतीजे विकास सिंह को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. पुलिस का कहना है कि विकास सिंह पूर्व में रत्नेश पर पूर्व में गोली चलाने की घटना में शामिल रहा था. विकास सिंह पर पुलिस चाजर्शीट भी दाखिल कर चुकी है. घटना में शामिल अन्य अपराधियों की तलाश में पुलिस की छापेमारी जारी है.
जुए के दो बड़े अड्डे चलते हैं धुर्वा में
रांची: धुर्वा थाना क्षेत्र में जुआ का धंधा लंबे समय से चल रहा है. इस क्षेत्र में जुआ के दो बड़े अड्डे हैं. एक डैम साइड में और दूसरा जेएन कॉलेज के निकट एक डीटी क्वार्टर में. जुआ के अड्डे की जानकारी धुर्वा में रहनेवाले अधिकांश लोगों को है. पुलिस भी जानती है, पर कार्रवाई नहीं करती, क्योंकि इस धंधे से पुलिस के कनीय से लेकर बड़े अफसरों को लगभग दो लाख रुपया मिलता है.
डैम साइड में चलनेवाले जुआ के अड्डे का संचालन अपराधी राजीव रंजन करता है. यहां छोटे जुआरी पहुंचते हैं. राजीव रंजन पहले धुर्वा थाना के निकट एक क्वार्टर में जुआ खेलवाता था. वहीं पर पार्षद रत्नेश से उसका विवाद हुआ था. जिसके बाद पुलिस ने जुआ के अड्डे को बंद करवा दिया था. तब राजीव रंजन ने डैम साइड पर जुआ खेलवाना शुरू कर दिया.
जेएन कॉलेज के निकट चलनेवाले जुआ के अड्डे का संचालन धुर्वा टंकी साइड में रहनेवाला व्यक्ति करता है. जुआ के इस अड्डे के बारे में बताया जाता है कि यहां जुआ खेलने से पहले इंट्री फीस के रुप में पांच हजार रुपया देना पड़ता है. डोरंडा, हीनू, हटिया, तुपुदाना, नगड़ी, रातू रोड पिस्का मोड़ समेत शहर के अन्य हिस्सों से लोग जुआ खेलने वहां पहुंचते हैं. शाम के सात बजे से जुआ शुरू होता है, जो रात भर चलता है.
पुलिस के बीच ऐसे बंटता है कमाई का हिस्सा
जुआ के अड्डे पर पुलिस छापामारी न करे, इसके लिए संचालक द्वारा पुलिस अफसरों को हर माह बंधी-बंधायी रकम दी जाती है. इस धंधे को करीब से जाननेवालों के मुताबिक कनीय पुलिस अफसरों को 50-50 हजार रुपया मिलता है. पुलिसकर्मियों को प्रतिमाह 20 हजार रुपया दिया जाता है. चालक को प्रति माह 2,000 रुपया मिलता है. कनीय पुलिस अफसरों के अंगरक्षकों को भी हर माह 10 हजार रुपया दिया जाता है. जबकि बड़े अफसरों के अंगरक्षकों को प्रति दिन पांच-पांच सौ रुपया दिया जाता है, ताकि अगर बड़े अफसर छापामारी के लिए निकले, तो इसकी सूचना पहले ही मिल जाये. पुलिस के एक बड़े अफसर के चहेते को हर माह 20 हजार रुपया इस जुआ के अड्डे से मिलते हैं. उसका नाम फैजल बताया जाता है. फैजल पर पहले भी वसूली के आरोप लगे हैं, लेकिन बड़े अफसर से नजदीकी की वजह से उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती. पहले उसे जुआ के अड्डे से पैसे नहीं मिलते थे, लेकिन पैसा लेने के लिए बड़े अफसर से कह कह उसने जुआ के अड्डे पर छापामारी करवायी, जिसके बाद उसे हर माह रुपये मिलने लगे.
शोकसभा में पार्षदों ने कहा वसूली से फुरसत मिले, तब तो आम लोगों की सुरक्षा करे पुलिस
रांची: वार्ड 39 के पार्षद रत्नेश सिंह की निर्मम हत्या के बाद शनिवार को नगर निगम परिसर में पार्षद रत्नेश सिंह की याद में शोकसभा हुई. शोकसभा में मेयर, डिप्टी मेयर, सीइओ सहित सभी पार्षद शामिल हुए. इधर, शोकसभा के पश्चात पार्षदों का गुब्बार पुलिस पर फूट पड़ा, पार्षदों ने एक स्वर में कहा कि पुलिस का एकमात्र काम अब वसूली रह गया है. पुलिस लोगों को तो परेशान करती है, परंतु अपराधियों को वह अपना करीबी मानती है. इसी का नतीजा है कि आज पार्षद रत्नेश की जान गयी जबकि उसने सुरक्षा को लेकर कई बार पुलिस के पास गुहार लगायी थी. इधर, शोकसभा के बाद नगर निगम का काम बंद कर दिया गया.
पार्षद देंगे एक माह का वेतन
पार्षद रत्नेश के परिजनों को सहायता राशि के रुप में नगर निगम के 54 पार्षद एक माह का वेतन देंगे. शोकसभा के पश्चात पार्षदों के हुए सामूहिक बैठक में यह निर्णय लिया गया. पार्षदों का यह कहना था कि जैसे ही राज्य से आचार संहिता हटेगा, हमारा प्रयास होगा कि पार्षद की पत्नी को नगर निगम में संविदा के आधार पर काम दिया जाये.
धुर्वा तो अपराधियों का कारखाना है
इधर शोकसभा के पश्चात धुर्वा क्षेत्र के पार्षदों ने कहा कि धुर्वा क्षेत्र ही अपराधियों का कारखाना है. गली मोहल्ले में अवैध रुप से होटल खुल गये हैं. इनमें शराब व चरस की बिक्री होती है. अपराधी यहीं बैठ कर शराब पीते हैं, हत्या की योजना बनाते हैं और घटना को अंजाम देते हैं. पुलिस को इन अवैध धंधे की पूरी जानकारी है. परंतु हर जगह से इनका महीना फिक्स है. इसलिए ऐसे होटलों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. इधर शोकसभा के बाद एक पार्षद ने धमकी भरा पत्र सभी पार्षदों को दिखाया. पत्र में पार्षद को किसी अनजाने व्यक्ति ने जान से मारने की धमकी दी है. पत्र में लिखा हुआ है कि सावधान हो जाओ.., पार्षद बनने के बाद बहुत पैसा कमाये हो., सावधान हो जाओ नहीं तो उड़ा देंगे.

