हाजीपुर : ठंड का कहर बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा. अहले सुबह से सर्द हवाओं ने ऐसी कनकनी बढ़ायी कि जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. मौसम का रंग देख लोगों को बारिश की संभावना लग रही थी, लेकिन गनीमत रही कि बारिश नहीं हुई. तापमान में गिरावट से ठंड जरूर बढ़ गयी.
बुधवार को तापमान अधिकतम 18 डिग्री और न्यूनतम 9 डिग्री सेल्सियस रहा. सुबह होते ही पूरा शहर ठंड से ठिठुरता नजर आया. दिन भर सूर्य कोहरे में ही ढका रहा और ठंडी हवा चलती रही. शाम ढलते ही कनकनी बढ़ गयी और शहर की सड़कें वीरान पड़ने लगीं. शीतलहर के चलते ज्यादातर लोगों ने अपने घरों में बिस्तर से चिपकना ही बेहतर समझा.
बहुत जरूरी काम से ही लोग बाजार निकले. शहर में जहां-तहां लोग अलाव जलाकर आग तापते नजर आये. सुबह में काफी ठंड होने की वजह से स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानी हुई. कड़ाके की ठंड ने बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है.
चौक-चौराहों पर अलाव की मांग :
हाड़ कंपाने वाली ठंड को देखते हुए लोगों ने चौक-चौराहों पर अलाव जलाने की जरूरत बतायी है. इसकी व्यवस्था करने की नगर पर्षद से मांग की गयी है. वहीं, नगर पर्षद की ओर से अभी ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. इस बारे में नगर पर्षद की उप सभापति रमा निषाद ने कहा कि अभी ठंड शुरु हुई है.
एक-दो दिन में मौसम सामान्य नहीं हुआ और ठंड बढ़ेगी, तो नगर के सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था होगी.बदले मौसम में सावधान हो जायें. यह आपकी सेहत बिगाड़ सकता है. ठंड का प्रकोप बढ़ते ही जन जीवन अस्त-व्यस्त होने लगा है. चिकित्सकों का कहना है कि इस मौसम में लोगों के ठंड जनित बीमारियों की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है. ठंड यूं ही बहुत सारी बीमारियां बढ़ा देती है. ऐसे में, सावधानी बरतना सबसे ज्यादा जरूरी है.
इन बीमारियों का है खतरा
ठंड में वायरल इंफेक्शन का खतरा सबसे ज्यादा रहता है.बच्चे से बूढ़े तक इसकी चपेट में आते हैं. कॉमन कोल्ड और कोल्ड स्ट्रोक्स की संभावना बढ़ जाती है. कॉमन कोल्ड में जहां सर्दी, खांसी, तेज बुखार आदि की शिकायत रहती है. वहीं कोल्ड स्ट्रोक्स में एकाएक बेहोशी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. ठंड के कारण टौंसिलाइटिस, साइनोसाइटिस, राइनाइटिस आदि रोग बढ़ जाते हैं.
आर्थराइटिस के मरीजों की तकलीफें बढ़ जाती हैं. अस्थमा के मरीजों के लिए यह मौसम काफी प्रतिकूल है. सांस लेने में तकलीफ और दम फूलने की समस्या बढ़ जाती है. बच्चों में निमोनिया और कोल्ड डायरिया का खतरा बढ़ जाता है. इसमें पीड़ित बच्चों की बेचैनी बढ़ जाती है और सांसें काफी तेज चलने लगती है.उम्रदराज लोगों में रक्तचाप की शिकायत बढ़ जाती है, जिससे कई परेशानियां पैदा हो सकती हैं.
क्या कहते हैं डॉक्टर
ठंड बढ़ने के साथ ही कोल्ड स्ट्रोक्स का खतरा बढ़ गया है. बच्चों के प्रति ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है. बच्चों को इस मौसम में निमोनिया, कोल्ड डायरिया आदि के प्रकोप से बचाने के लिए उनके खानपान और देखभाल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. सयाने और बुजुर्ग भी इस मौसम में सतर्क रहें. ठंडे पानी का इस्तेमाल न करें और गर्म कपड़ों से पूरा शरीर ढ़ंक कर रखें. खाने-पीने में हरी साग-सब्जियों का ज्यादा प्रयोग करें. हाई रिच प्रोटीन डायट लेना लाभदायक होगा.
डॉ विजय कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी, एसएनसीयू, सदर अस्पताल
