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दिव्यांगजनों में प्रतिभा की कमी नहीं

हाजीपुर : अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर मंगलवार को स्थानीय अक्षयवट राय स्टेडियम में कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिलाधिकारी उदिता सिंह ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. मौके पर जिला पर्षद के अध्यक्ष प्रभु साह, उप विकास आयुक्त विजय प्रकाश मीणा, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग की सहायक निदेशक वंदना सिन्हा, वरीय उप समाहर्ता मनीषा, जिला […]

हाजीपुर : अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर मंगलवार को स्थानीय अक्षयवट राय स्टेडियम में कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिलाधिकारी उदिता सिंह ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. मौके पर जिला पर्षद के अध्यक्ष प्रभु साह, उप विकास आयुक्त विजय प्रकाश मीणा, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग की सहायक निदेशक वंदना सिन्हा, वरीय उप समाहर्ता मनीषा, जिला पार्षद जसवीर कुमार सिंह, जिला दिव्यांग कल्याण संघ के सचिव आशीष रंजन उपस्थित रहे. डीएम ने दिव्यांगजनों की सफलताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि यहां के दिव्यांग जनों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है.

जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान ट्राइसाइकिल रेस एवं वैसाखी रेस का आयोजन किया गया. इस अवसर रेड क्रॉस सोसाइटी, वैशाली की ओर से 120 दिव्यांगों के बीच कंबल का वितरण किया गया. प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया. निर्णायक मंडल में प्रभात कुमार सिंह, अनूप रंजन, गौतम कुमार, मीना कुमारी, रामस्वार्थ सिंह, अजीत कुमार, दिलीप कुमार शामिल थे. मौके पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिव्यांगता प्रमाणीकरण का कार्य निष्पादित किया गया.
दिव्यांग दिवस पर कंबल का वितरण
अरनिया/ जंदाहा. प्रखंड क्षेत्र के चांद सराय पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय भवन में मंगलवार को दिव्यांग दिवस मनाया गया. दिव्यांग दिवस की अध्यक्षता मो असीम ने की, जबकि संचालन अखिलेश कुमार ठाकुर ने किया.
कार्यक्रम का उद्घाटन चांद सराय पंचायत के वरिष्ठ दिव्यांग बृजनंदन सिंह और एआईएसएफ जिला कोषाध्यक्ष सह बिहार राज्य परिषद सदस्य उत्तम कुमार ठाकुर ने संयुक्त रूप से किया. समाजसेवी विपिन बिहारी ने उपस्थित दिव्यांग और उनके अभिभावक को बताया कि विश्व दिव्यांग दिवस प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को मनाया जाता है. मौके पर पंचायत के मुखिया सहमुखिया संघ के अध्यक्ष त्रिवेणी कुमार चौधरी ने सभी दिव्यांग और उनके अभिभावक को विश्वास दिलाया कि जिनका प्रमाण पत्र बना हुआ है.
इस मौके पर सैंकड़ों दिव्यांग को कंबल दिया गया. मौके पर अवधेश शर्मा, अरविंद कुमार राय, पवन कुमार ठाकुर, हरे कृष्ण ठाकुर, विजय चौधरी, राजेश कुमार, पप्पू ठाकुर, सुजीत कुमार, समीर कुमार, चंदन कुमार ठाकुर, मुकेश चौधरी युवा राजद नेता, मो चांद बाबू, अमित वर्मा, अमरनाथ कुमार, विद्यालय शिक्षिका मंजू कुमारी, सतनारायण राय आदि मौजूद थे.
प्रेरणा का स्त्रोत बना दिव्यांग शिक्षक भूलन
भगवानपुर. प्रखंड के किरतपुर राजाराम गांव निवासी भूलन महतो अपने दोनों पैरों से दिव्यांग है, लेकिन अपने दो पुत्र और दो पुत्री सहित बुनियादी विद्यालय, बिठौली के करीब दो सौ बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा होने को लेकर प्रेरित करते हैं. श्री महतो बुनियादी विद्यालय, बिठौली के प्रभारी एचएम हैं.
वे खुद अपने दोनों पैरों पर खड़ा नहीं हो पाते हैं, लेकिन नियमित रूप से अपने घर किरतपुर राजाराम गांव से दूसरे के सहारे चलकर प्रतिदिन ससमय नौ बजे विद्यालय पहुंच जाते हैं. विद्यालय में पदस्थापित और शिक्षकों के आने से पहले विद्यालय पहुंचे अपने छात्र-छात्राओं को अनुशासन का पाठ पढाते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि श्री महतो इमानदारी पूर्वक विद्यालय का संचालन करते हैं.
इन दिनों विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाले मध्याह्न भोजन को लेकर ज्यादातर विद्यालयों गड़बड़ी की शिकायतें होती रहती हैं, लेकिन श्री महतो के इमानदारी के कारण जब विद्यालय के सहायक शिक्षक थे. उस वक्त भी विद्यालय के मध्याह्न भोजन का प्रभार इन्हीं के जिम्मे होता था. इन्हें घर से गाड़ी पर बैठाकर परिवार के सदस्य सुबह में विद्यालय पहुंचा देते हैं और शाम में फिर ले जाते हैं. घंटों क्लास में अपने छात्र-छात्राओं को पढाते हैं.
दिव्यांग ने लगायी इच्छामृत्यु की गुहार
हाजीपुर. वैशाली जिला विकलांग कल्याण संघ के सचिव व दिव्यांग आशिष रंजन ने डीएम को आवेदन देकर इच्छा मृत्यु की गुहार लगायी है. देसरी थाने के रामपुर कुम्हरकोल निवासी आशीष रंजन खेल एवं दिव्यांगों की सेवा के लिए जिला से लेकर राज्य स्तर पर कई बार सम्मानित हो चुके हैं. उन्होंने डीएम को दिये गये आवेदन में आरोप लगाया है कि मास्टर और बीएड की डिग्री के बावजूद वे बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं.
अनुबंध पर नौकरी, रोजगार के मुख्यमंत्री नि:शक्त स्वरोजगार ऋण, नगर निकाय से दुकान आदि के लिए कई बार आवेदन कर थक चुके हैं. न तो उन्हें रोजगार मिला और न ही रोजगार के लिए लोन. उनके पास राशन कार्ड भी नहीं है. दिव्यांग आशिष का कहना है कि उसके ऊपर अपने माता-पिता, पत्नी व तीन बच्चों की जिम्मेवारी है, लेकिन बेरोजगारी की वजह से वे उनकी जिम्मेवारी ढंग से नहीं निभा पा रहे हैं.

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