दिघवारा : सोनपुर मेला में न केवल पशुओं की ही बिक्री होती है, बल्कि इस मेला में कलाकारों व शिल्पकारों का जमघट भी लगता है. विभिन्न कलाकार अपनी कला का जलवा इस मेले में बिखेरते हैं और फिर उनकी चर्चा प्रदेश भर में लोगों की जुबान से होने लगती है. सोनपुर मेला कलाकारों व शिल्पकारों को प्रसिद्धि का एक मंच भी देता है.
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मेले में लगता है कलाकारों और शिल्पकारों का जमघट
दिघवारा : सोनपुर मेला में न केवल पशुओं की ही बिक्री होती है, बल्कि इस मेला में कलाकारों व शिल्पकारों का जमघट भी लगता है. विभिन्न कलाकार अपनी कला का जलवा इस मेले में बिखेरते हैं और फिर उनकी चर्चा प्रदेश भर में लोगों की जुबान से होने लगती है. सोनपुर मेला कलाकारों व शिल्पकारों […]
मेले में इस बार भी कई ऐसे कलाकार व शिल्पकार पहुंचे हैं जो अपनी कला का प्रदर्शन कर लोगों को अपना मुरीद बना रहे हैं. ऐसे ही एक शिल्पकार है विनीता झा जो अपनी मिथिला पेंटिंग के सहारे पिछले एक सप्ताह से मेला आने वाले हर लोगों को अपनी पेंटिंग का मुरीद बना रही रही है.
55 वर्षीय विनीता झा की जब ब्रश चलती है तो हर कोई उनकी पेंटिंग का मुरीद बन जाता है. विनीता वह पिछले 45 साल से मिथिला पेंटिंग कर रही है और स्टेट अवॉर्डी भी है. मेला के मुख्य पंडाल के दक्षिणी छोर पर आर्ट एंड क्राफ्ट ग्राम में उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के कलाकार के रूप में विनीता अपनी पेंटिंग का निरंतर प्रदर्शन कर रही है.
अपनी दादी मां से विनीता ने सीखा मिथिला पेंटिंग का हुनर
प्रभात खबर के साथ बातचीत में विनीता झा ने बताया कि उम्र की शुरुआती अवस्था में उसने अपनी दादी मां से मिथिला पेंटिंग का यह हुनर सीखा जो आज उनके व्यवहारिक जीवन में अर्थोपार्जन का जरिया भी बना है. इतना ही नहीं उसने अपनी बेटी पूजा व निशि को इस कला में निपुण किया है. वहीं उनकी बेटी रूपम सूजनी कला में दक्ष है.
सभी तीन बेटियां अपनी कला में स्टेट अवॉर्डी कलाकार है. मधुबनी के रामनगर की विनीता ने बताया कि वह लहेरियागंज में माडर स्थित अपने मायके में यह हुनर सीखा था और फिर इसी हुनर के साथ वह अपने मायके से ससुराल पहुंची और तब से निरंतर लोगों को मिथिला पेंटिंग सिखाते हुए स्वावलंबी बना रही है.
पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस ने भी विनीता की पेंटिंग को सराहा
सोनपुर मेला का परिभ्रमण करने पहुंचे पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस भी विनीता के स्टॉल पर पहुंचे थे. जहां विनीता उस समय दुपट्टे पर मिथिला पेंटिंग कर रही थी. चीफ जस्टिस ने पहले उनकी पेंटिंग को निहारा फिर उनके द्वारा बनायी गयी अन्य पेंटिंग को देख उनकी पेंटिंग कला की प्रशंसा की.
चलते चलते चीफ जस्टिस ने स्वयं विनीता के साथ एक सेल्फी लेने का आग्रह किया, जिसे विनीता टाल नहीं सकी और बाद में सबों ने एक ग्रुप में सेल्फी ली व फोटो भी खिंचवाया.
बीपीएल परिवार की लड़कियों को भी सिखाती है मिथिला पेंटिंग का हुनर : विनीता की मानें तो वह अपने आसपास के बीपीएल परिवार की बेटियों को मिथिला पेंटिंग का हुनर सिखाती है जो उसके व्यवहारिक जीवन में बहुत काम आता है. इस पेंटिंग के सीखने के बाद बेटियां खुद के लिए अर्थोपार्जन करने के लायक बन जाती है और फिर पेंटिंग के सहारे अर्जित आमदनी से अपने परिवार को आर्थिक सहयोग दे पाती है.
कई जगहों पर विनीता कर चुकी है मिथिला पेंटिंग,पेंटिंग देख लोग बनते हैं मुरीद
बातचीत में विनीता ने बताया कि मधुबनी का सर्किट हाउस व मधुबनी स्टेशन आदि कई जगहों पर वह अपनी मिथिला पेंटिंग का कार्य कर उन जगहों को आकर्षक बना चुकी है. इसके अलावा वह कैनवास समेत हैंडमेड पेपर व फ्लावर पॉट पर भी मिथिला पेंटिंग करती है
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