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कइसे खेले जइबू सावन में कजरिया बदरिया घिर आइल…

हाजीपुर : औलिया आध्यात्मिक अनुसंधान केंद्र के दरबार में कला एवं संस्कृति विभाग बिहार सरकार के सौजन्य से चार दिवसीय सांस्कृतिक वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया है. समारोह में बिहार के अनेक लब्ध प्रतिष्ठित कलाकार और सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा प्रस्तुति दी जा रही है. गुरुवार की शाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उद्घाटन विभाग के प्रतिनिधि रंजीत […]

हाजीपुर : औलिया आध्यात्मिक अनुसंधान केंद्र के दरबार में कला एवं संस्कृति विभाग बिहार सरकार के सौजन्य से चार दिवसीय सांस्कृतिक वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया है. समारोह में बिहार के अनेक लब्ध प्रतिष्ठित कलाकार और सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा प्रस्तुति दी जा रही है. गुरुवार की शाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उद्घाटन विभाग के प्रतिनिधि रंजीत कुमार की उपस्थिति में औलिया आध्यात्मिक अनुसंधान केंद्र के सचिव सुरेश थापा ने किया.

उद्घाटन समारोह में लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने गणेश वंदना-मंगल के दाता रउवा बिगड़ी बनाईं जी पेश किया. उसके बाद कजरी, झूमर, सूफी लोक संगीत और पारंपरिक लोकगीत कइसे खेले जइबू सावन में कजरिया बदरिया घिर आइल ननदी, हमरा आम अमराइया बड़ा निक लगेगा, दमादम मस्त कलंदर अली दा पहला नंबर, छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नयना मिलाइके मतवारी कर दीनी से मोसे नयना मिलाइके, पिपरा के पतवा फुलूंगिया डोले रे ननदी जैसे गीतों की प्रस्तुति कर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी.
इसके बाद नालंदा संगीत कला विकास संस्थान की ओर से बिहार गौरव गान की प्रस्तुति की गई, जिसमें तान्या, यशिका, सोनाली, दिव्या,सारिका, भारती, निशा और रीना कुमारी सहित अनेक कलाकारों ने भाग लिया. कार्यक्रम के पहले दिन अमर कुमार पांडे ने शिव स्तुति पर कत्थक डांस पेश किया. दूसरे दिन कल्याणी लोक कला समिति और जनचेतना के कलाकारों ने अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए.

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