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”गांव का हूं ना, शहर वालों से डर लागे है…

हाजीपुर : वैशाली जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन, बाल प्रकोष्ठ के तत्वावधान में बाल कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ. शहर के एसडीओ रोड स्थित सरस्वती सदन परिसर में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन हिंदी साहित्य सम्मेलन के जिलाध्यक्ष शशिभूषण कुमार, उपाध्यक्ष मेदिनी कुमार मेनन एवं चर्चित रंगकर्मी क्षितिज प्रकाश ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. […]

हाजीपुर : वैशाली जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन, बाल प्रकोष्ठ के तत्वावधान में बाल कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ. शहर के एसडीओ रोड स्थित सरस्वती सदन परिसर में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन हिंदी साहित्य सम्मेलन के जिलाध्यक्ष शशिभूषण कुमार, उपाध्यक्ष मेदिनी कुमार मेनन एवं चर्चित रंगकर्मी क्षितिज प्रकाश ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अंशुमन आर्यन ने अतिथियों का स्वागत किया. जहानाबाद से आये शायर-गीतकार अमृतेश मिश्र ने कवि गोष्ठी की अध्यक्षता की. उनकी रचना नजर के अंदर के नजर वालों से डर लागे है, गांव का हूं न, शहर वालों से डर लागे है…

को श्रोताओं ने खूब सराहा. वहीं आरा के कवि अंकित मौर्य ने अपनी कविता, इससे ज्यादा क्या चाहिए मुझे जिंदगी बसर के लिए, कागज-कलम और चाय मयस्सर है उम्र भर के लिए… सुना कर श्रोताओं की तालियां बटोरी. आरती कुमारी ने बज्जिका विरह गीत प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया. कार्यक्रम का संचालन अक्षय आनंद ने किया.
धन्यवाद ज्ञापन दयाशंकर प्रसाद ने किया. मौके पर वेद वत्स, सिद्धि सेन, धर्मवीर कुमार शर्मा, पीयूष सिंह राजपूत, मेघा सिंह, अश्विनी कुमार कविराज, सौरभ कुमार ठाकुर, अक्षत अमन, आयुष राज, रंजन कुमार, सौम्या सौरव, सान्या, मनीष कुमार मुंडोतिया आदि ने अपनी कविता, गीत और गजल से श्रोताओं को प्रभावित किया. कार्यक्रम में प्रो रामलखन प्रसाद साह, नागेश्वर प्रसाद गुप्ता, अधिवक्ता आकाश कुमार, रामानंद गुप्ता, रामविनोद ठाकुर, कुमार गौरव समेत अन्य लोग उपस्थित थे.

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