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आंधी से आम की फसल को हुआ भारी नुकसान, किसानों में मायूसी

हाजीपुर : जिले के आम उत्पादक किसानों में मायूसी छा गयी है. पिछले दिनों जिले के विभिन्न प्रखंडों में तेज आंधी और ओलावृष्टि से आम की फसल को भारी नुकसान हुआ है. इस फलन वर्ष में आम के बगीचों में आये मंजरों को देख कर किसानों के चेहरे खिल उठे थे. इस क्षति के बाद […]

हाजीपुर : जिले के आम उत्पादक किसानों में मायूसी छा गयी है. पिछले दिनों जिले के विभिन्न प्रखंडों में तेज आंधी और ओलावृष्टि से आम की फसल को भारी नुकसान हुआ है. इस फलन वर्ष में आम के बगीचों में आये मंजरों को देख कर किसानों के चेहरे खिल उठे थे. इस क्षति के बाद अब उन चेहरों पर उदासी और माथे पर चिंता की लकीरें हैं. जिले के पातेपुर,लालगंज, बिदुपुर, वैशाली, गोरौल, महुआ एवं सदर समेत अन्य प्रखंड क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर आम का उत्पादन होता है.

आंधी और ओलावृष्टि के कारण अन्य फसलों के साथ-साथ आम की फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है. आम उत्पादकों ने सरकार से क्षतिपूर्ति की मांग की है. हालांकि फसल नुकसान कितने का हुआ है, इसका आंकड़ा फिलहाल कृषि विभाग के पास नहीं है, लेकिन कई किसानों ने बताया कि 75 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गयी. इधर जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि ओलावृष्टि से फसलों की हुई क्षति का आकलन किया जा रहा है. सभी प्रखंडों में विभाग की टीम नुकसान का आकलन करने में लगी है. सभी जगहों से रिपोर्ट प्राप्त होते ही सरकार को भेज दिया जायेगा.

आम उत्पादन के लिए चर्चित है जिला
आम की कुछ खास किस्मों के लिये देश-विदेश में चर्चित वैशाली जिले में लगभग नौ हजार हेक्टेयर में आम की फसल होती है. जानकारी के अनुसार विश्व में आम उत्पादन के क्षेत्र में भारत की हिस्सेदारी 52 प्रतिशत है. कृषि मामलों के जानकार बताते हैं कि देश में आम की खेती के मामले में उत्तरप्रदेश और आंध्रप्रदेश के बाद बिहार का तीसरा स्थान है. जहां तक वैशाली जिले की बात है, तो राज्य में यह दूसरे स्थान पर है. जिले में विशेष रूप से सिपिया, लंगड़ा, सुकुल, बम्बई, मिठुआ, फाजली, बथुआ आदि आम की किस्में पायी जाती हैं, जो अपने स्वाद और मिठास के लिए मशहूर है.
क्या कहते हैं जानकार
आम की फसल एक साल बीच करके होती है. इस साल आम का फलन वर्ष था. इसलिए आम में मंजर भी इसबार जबरदस्त आये थे. आंधी और ओला पड़ने से आम की फसल बर्बाद हुई है. सभी जगहों पर नुकसान का आकलन करके प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए. आम उत्पादन के मामले में यह जिला राज्य में दूसरा स्थान रखता है. इसलिए आम उत्पादक किसानों के हितों को प्रमुखता देनी होगी.
जितेंद्र कुमार सिंह, राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त प्रगतिशील किसान, लालगंज

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