जिले में अभी तक चार दर्जन मरीज मिले डेंगू से आक्रांत
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डेंगू का डंक बना जानलेवा, अब तक तीन की ली जान
जिले में अभी तक चार दर्जन मरीज मिले डेंगू से आक्रांत हाजीपुर : डेंगू के डंक ने जिलावासियों को डरा दिया है. जिले में इस साल अभी तक डेंगू से पीड़ित चार दर्जन मरीज पाये गये हैं. जबकि दो मरीजों को मौत हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से बचाव को लेकर एलर्ट जारी […]
हाजीपुर : डेंगू के डंक ने जिलावासियों को डरा दिया है. जिले में इस साल अभी तक डेंगू से पीड़ित चार दर्जन मरीज पाये गये हैं. जबकि दो मरीजों को मौत हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से बचाव को लेकर एलर्ट जारी किया है. विभाग के अनुसार डेंगू एक प्राण घातक बीमारी है, जो संक्रमित मादा एडिज मच्छर के काटने से होता है. यह मच्छर पानी में पनपती है और दिन में ही काटती है. इन मच्छरों को मारने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा फॉगिंग करायी जा रही है.
विभिन्न प्रखंडों में मिले अब तक 46 मरीज : जिले के विभिन्न प्रखंडों में पिछले ढाई महीने के अंदर डेंगू से आक्रांत 46 मरीज पाये गये. सबसे पहले बीते 28 अगस्त को सदर प्रखंड में दो डेंगू पीड़ितों की पहचान हुई. उसके बाद सितंबर में 14 मरीज पाये गये, जबकि अक्तूबर में 23 मरीज मिले. इस महीने की आठ तारीख तक सात डेंगू पीड़ित मरीज पाये गये. इनके अलावे महुआ प्रखंड क्षेत्र के दो मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गयी. प्रखंड के करिहो ग्राम निवासी 25 वर्षीय आदित्य कुमार गुजरात से डेंगू पीड़ित होकर आया था, जिसे सात नवंबर को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान 10 को युवक की मौत हो गयी. वही इसी प्रखंड के बावन घाट, सिंघाड़ा निवासी 26 वर्षीय सुजीत कुमार राय दिल्ली से पीड़ित होकर आया था, जिसे 11 नवंबर को परिजनों ने महुआ के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया था. इलाज के दौरान उसी दिन युवक की मौत हो गयी.
पिछले साल मिले थे डेंगू के 53 मरीज : बीते साल के आंकड़े पर गौर करें तो जिले के कई प्रखंड डेंगू से प्रभावित रहे हैं. वर्ष 2015 में डेंगू के 15 मरीज पाये गये थे. वर्ष 2016 में यह संख्या बढ़कर 53 हो गयी. वहीं वर्ष 2017 में डेंगू से आक्रांत होने वालों में राघोपुर प्रखंड के आठ, सदर प्रखंड के छह, हाजीपुर नगर क्षेत्र के पांच, लालगंज प्रखंड के चार, बिदुपुर के चार, महुआ के तीन, जंदाहा के तीन, पातेपुर के तीन, देसरी के तीन, भगवानपुर के दो मरीज शामिल हैं. इनके अलावे गोरौल, चेहराकलां और पटेढ़ी बेलसर प्रखंड में एक-एक मरीज पाये गये.
बचाव के लिए सभी प्रखंडों में आरआरटी : डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी प्रखंडों में रैपिड रेस्पॉन्स टीम का गठन किया जा चुका है. विभाग की जिला सर्वेक्षण इकाई के माध्यम से सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को एलर्ट किया गया है. सर्वेक्षण इकाई के एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. महेश्वरी सिंह महेश ने बताया कि प्रखंड स्तरीय आर आरटी में एमओआई, एमओ, पारा मेडिकल स्टाफ एवं लैब टेक्नीशियन को शामिल किया गया है. सदर अस्पताल समेत सभी पीएचसी में डेंगू की जांच के लिए डेंगू कीट उपलब्ध है. सदर अस्पताल में छह बेड का डेंगू वार्ड भी बनाया गया है.
जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल पदाधिकारी डॉ सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि जिले के जिस इलाके में भी डेंगू के मरीज मिले हैं,वहां तत्काल मैलाथियोन की फॉगिंग करा दी गयी है.
बचाव के लिए चिकित्सकीय सलाह
दिन में भी मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.
घर के टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर के पानी, पानी की टंकी, गमले, फुलदान आदि का पानी हमेशा बदलते रहें.
अपने आसपास साफ-सफाई रखें और मच्छर पनपने वाले स्थानों पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें.
जमे हुए पानी में केरोसिन तेल डालें
पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें
घर के कमरों को स्वच्छ बनाएं रखें.
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