हरिहर क्षेत्र मेला. रंग-ढंग बदला पर सार्थकता बरकरार, मेले में उपमुख्यमंत्री सहित शामिल होंगे कई अतिथि
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एशिया के सबसे बड़े ऐतिहासिक पशु मेले का उद्घाटन आज
हरिहर क्षेत्र मेला. रंग-ढंग बदला पर सार्थकता बरकरार, मेले में उपमुख्यमंत्री सहित शामिल होंगे कई अतिथि सोनपुर : सोनपुर में लगभग दो किलोमीटर में फैला हरिहर क्षेत्र मेला, इतना भव्य है कि लगता है इस मेले में कई मेले समाये हुए हैं. गुरुवार को सोनपुर मेले का विधिवत उद्घाटन हो जायेगा, लेकिन इसमें रौनक कार्तिक […]
सोनपुर : सोनपुर में लगभग दो किलोमीटर में फैला हरिहर क्षेत्र मेला, इतना भव्य है कि लगता है इस मेले में कई मेले समाये हुए हैं. गुरुवार को सोनपुर मेले का विधिवत उद्घाटन हो जायेगा, लेकिन इसमें रौनक कार्तिक पूर्णिमा के बाद ही आयेगी. कार्तिक पूर्णिमा चार नवंबर को है. यहां तकरीबन 20 लाख लोग गंगा व गंडक के संगम समेत दक्षिणायनी पहलेजा में गंगा में डुबकी लगाने आते हैं. इस मेले की खासियत यह है कि यहां लगने वाले बाजार में आपको सूई से लेकर तलवार तक मिल मिल जायेगा.
पशुओं के खरीद-बिक्री के लिए प्रसिद्ध यह मेला अब पूरी तरह से हाईटेक हो चुका है. हाथी समेत कई पशु-पक्षियों की खरीद-बिक्री पर रोक के बावजूद मेला आबाद है. इसकी कुछ सुविधाओं को ऑनलाइन भी जोड़ा गया है.
20-25 लाख श्रद्धालु आते हैं कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां : सिर्फ कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए सोनपुर, पहलेजा व हाजीपुर में 20 से 25 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. हाजीपुर में भी स्नान के बाद श्रद्धालुओं का रुख सोनपुर की ओर ही होता है. सोनपुर के काली घाट व नौलखा मंदिर घाट पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु डुबकी लगाते हैं. इसके अलावा एक माह तक चलने वाले मेले के दौरान हर दिन राज्य के कोने-कोने से तकरीबन 50 हजार लोग घुमने आते हैं.
सूई से लेकर तलवार तक बिकता है मेले में : सोनपुर मेले के विषय में प्रसिद्ध है कि यहां सूई से लेकर तलवार तक, घर गृहस्थी के समान से लेकर खेती के औजार तक उपलब्ध रहते है. पर्यटन विभाग के हाथ में मेला आने के बाद अब ट्रेड फेयर के रूप में विकसित हो रहा है. पिछले दो साल से मेले में देश की बड़ी कंपनियां अपना स्टॉल लगा रही है. एक अनुमान के मुताबिक पूरे मेला अवधि में 60 से 80 करोड़ का कारोबार होता है.
ज्ञान व विज्ञान से लेकर खेती किसानी तक की मिलती है जानकारी : सीखने, कुछ जानने की जिज्ञासा लेकर आने वाले लागों को यहां निराश नहीं होना पड़ता है. कह सकते हैं कि मेला अवधि में कृषि का पूरा का पूरा विश्वविद्यालय ही उठ कर चला आता है. कृषि वैज्ञानिक किसानों को आधुनिक खेती-बारी के साथ नवीनतम कृषि यंत्रों की जानकारी देते हैं. यही इस मेले में पुलिस विभाग के लगने वाले अपराध अनुसंधान प्रदर्शनी में पुलिस कर्मी व अन्य लोग विषय से संबंधित तमाम तरह की जानकारियां ले सकते हैं. इतना ही नहीं सरकारी-अर्ध सरकारी व निजी क्षेत्र में कई बड़ी कंपनियां यहां अपना स्टॉल लगाती हैं.
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