देसरी : प्रखंड क्षेत्र की उफरौल पंचायत के राजकीय आदर्श मध्य विद्यालय को बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा उत्क्रमित कर उच्च माध्यमिक विद्यालय का दर्जा दिये कई वर्ष बीत गये, पर अबतक विद्यालय का नया भवन चालू नहीं हुआ. शिक्षा विभाग के निदेशक आरबी चौधरी ने विभागीय संकल्प संख्या 1021 दिनांक 5/7/2013 उफरौल मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर उच्च माध्यमिक विद्यालय का दर्जा दिये जाने का पत्र जारी किया था. शिक्षा विभाग के द्वारा विद्यालय भवन के निर्माण के लिए निविदा निकाली गयी. दो मंजिला विद्यालय भवन का निर्माण एक करोड़ आठ लाख के लागत से कराया गया.
विद्यालय में कुल वर्ग कक्ष आठ , कंप्यूटर रूम दो, कॉमन रूम दो, कार्यालय, शौचालय का निर्माण कराया गया. संवेदक के द्वारा विद्यालय भवन को पूर्ण रूप से तैयार कर दो वर्ष पहले विद्यालय के प्रधानाध्यापक को सौंप दिया था. दो वर्ष बीतने के बाद भी विद्यालय के नये भवन में अब तक पढ़ाई शुरू नहीं हुई है. वहीं शिक्षा विभाग के निदेशक के निर्देश के आलोक में विद्यालय में छात्र-छात्राएं का नामांकन कर लिया गया, जो मध्य विद्यालय के पुराने भवन में ही पढ़ रहे हैं. विद्यालय को मंजूरी मिले कई वर्ष हो गये, पर शिक्षक मात्र चार विषय विज्ञान, गणित, समाजशास्त्र और अंग्रेजी के ही हैं. हिंदी, संस्कृत सहित अन्य कई विषयों के शिक्षकों की नियुक्ति अब तक नहीं हुई है. वहीं मैट्रिक परीक्षा के सत्र 2015-17 के छात्र-छात्राओं को बिना हिंदी, संस्कृत विषय की पढ़ाई किये ही मैट्रिक परीक्षा देनी पड़ी, जिसमें अधिकतर विद्यार्थी संस्कृत विषय में फेल हो गये. अभी माध्यमिक विद्यालय का सारा कार्य मध्य विद्यालय के भवन से ही संचालित हो रहा है. जबकि माध्यमिक विद्यालय का भवन बन कर दो वर्षों से तैयार है. विद्यालय भवन खाली पड़ा हुआ है. नवनिर्मित भवन की खिड़की में लोग अभी मवेशी बांधते हैं.