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बाहुबली नेता आनंद मोहन को सुप्रीम कोर्ट से झटका, पासपोर्ट जब्त और पुलिस स्टेशन में हाजिरी लगाने का दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आनंद मोहन का पासपोर्ट तत्काल प्रभाव से जब्त किया जाए. इसके साथ ही हर 15 दिन में स्थानीय पुलिस के पास हाजिरी लगाने के आदेश दिए गए हैं. मामले में अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी.

बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की. कोर्ट ने आनंद मोहन को तुरंत अपना पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही हर 15 दिन में स्थानीय पुलिस के पास हाजिरी लगाने के आदेश दिए गए हैं. दिवंगत डीएम जी. कृष्णैया की विधवा उमादेवी कृष्णैया की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने यह निर्देश दिया है. कोर्ट ने हलफनामा दाखिल नहीं करने पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को कड़ी फटकार भी लगाई है. कोर्ट ने सरकार को एक हफ्ते के अंदर हलफनामा दाखिल करने का मौका दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 27 फरवरी को होगी.

जी कृष्णैया की पत्नी दायर की है याचिका

गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी कृष्णैया द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि बिहार सरकार ने 10 अप्रैल, 2023 के संशोधन के माध्यम से बिहार जेल नियम 2012 में संशोधन किया है. जो उचित और कानूनी नहीं. उन पर जेल में मारपीट से लेकर पुलिसकर्मियों पर हमला करने तक के कई मामले दर्ज थे. ऐसे में उन्हें अच्छे आचरण के आधार पर कैसे जेल से छोड़ा जा सकता है. हालांकि, बिहार सरकार ने कोर्ट को बताया है कि आनंद मोहन को नियमों के तहत रिहा किया गया है.

कोर्ट ने एक हफ्ते में सरकार से मांगा जवाब

सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आनंद मोहन का पासपोर्ट तत्काल प्रभाव से जब्त किया जाए. कोर्ट की बेंच ने कहा कि ये मामला लगातार टलता जा रहा है. कभी राज्य सरकार समय मांगती है तो कभी केंद्र सरकार जवाब नहीं देती. मामले को अब और टाला नहीं जा सकता. इस मामले में केंद्र सरकार से एक हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा गया है.

27 फरवरी को सुनाया जाएगा फैसला

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस मामले में आखिरी फैसला सुनने के लिए सुनवाई की आखिरी तारीख 27 फरवरी रखी है. कोर्ट ने कहा कि इतने महत्वपूर्ण मामले को अब और टाला नहीं जा सकता. इसलिए फैसला अगली तारीख पर सुनाया जाएगा.

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जेल में क्यों थे आनंद मोहन

1994 में जी कृष्णैया की मुजफ्फरपुर में उस समय हत्या कर दी गई जब वे पटना से गोपालगंज लौट रहे थे. इस हत्या का आरोप बाहुबली नेता आनंद मोहन पर लगा था. इस मामले में सुनवाई के बाद वर्ष 2007 में कोर्ट ने आनंद मोहन को मौत की सजा सुनाई थी, जिसे बाद में उम्रकैद में बदल दिया गया था. इसके बाद 23 अप्रैल 2023 को बिहार सरकार ने अच्छे आचरण के बाधार पर आनंद मोहन को जेल से रिहा कर दिया था.

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Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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