– पहले फेज में भेंगा धार में नौ किमी हिस्से में होगी सफाई – हैदराबाद की कंपनी द्वारा शुरू किया गया कार्य प्रमोद कुमार, वीरपुर उत्तर बिहार में बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई व्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत बहुचर्चित कोसी-मेची लिंक परियोजना की औपचारिक शुरुआत शुक्रवार को कर दी गई. परियोजना के प्रथम चरण के तहत कटैया पावर हाउस से निकलने वाली भेंगा धार की व्यापक सफाई का कार्य आरंभ किया गया, जहां करीब दो दर्जन पोकलेन मशीनों की मदद से 70 मीटर चौड़ी धारा से मिट्टी निकालने का काम तेज़ गति से जारी है. कोसी-मेची लिंक परियोजना उत्तर बिहार के लिए बड़ी राहत उत्तर बिहार की एक महत्वपूर्ण नदी जोड़ परियोजना है, जिसके अंतर्गत कोसी नदी के अतिरिक्त पानी को मेची नदी में प्रवाहित किया जाएगा. इस परियोजना के माध्यम से क्षेत्र में बाढ़ की समस्या को कम करने के साथ-साथ अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार जिलों की लगभग 2.14 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा मिलने की उम्मीद है. परियोजना की कुल लंबाई 117.50 किलोमीटर है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 6282.32 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जा रही इस मेगा योजना के प्रथम चरण का टेंडर प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है. भेंगा धार की सफाई कार्य तेज निर्माण एजेंसी रित्विक कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद को कार्य आवंटित किया गया है. साइट पर मौजूद सुप्रीटेंडिंग इंजीनियर मो बाशा ने जानकारी दी कि शुरुआत में भेंगा धार के 09 किलोमीटर हिस्से की सफाई की जा रही है. इस दौरान 70 मीटर चौड़ाई तक धारा की खुदाई एवं गाद हटाने का काम हो रहा है. नहर को इसके मूल बेड लेवल तक लाने के लिए कहीं 0.5 मीटर तो कहीं 01 मीटर से अधिक गहराई तक खुदाई की जा रही है. इंजीनियरों के अनुसार, यह तैयारी इसलिए की जा रही है ताकि मुख्य कार्य शुरू होने पर किसानों को सिंचाई में किसी प्रकार की दिक्कत न आए. दूसरा चरण, कोसी पूर्वी मुख्य नहर की सफाई पहले चरण के बाद दूसरे चरण में कोसी पूर्वी मुख्य नहर के 41 किलोमीटर तक नहर की सफाई की जाएगी, जिसकी अनुमानित लागत 200 करोड़ रुपये बताई गई है. इसके लिए आवश्यक सभी मशीनें और संसाधन कार्यस्थल पर पहुंचा दिए गए हैं और युद्धस्तर पर कार्य जारी है. इंजीनियरों का कहना है कि लक्ष्य है कि बरसात से पहले सफाई कार्य पूरा कर लिया जाए, क्योंकि वर्षा के दौरान बालू ढहने और जलभराव से काम प्रभावित होने की आशंका रहती है. सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता राजेश कुमार ने पुष्टि की कि परियोजना का कार्य औपचारिक रूप से शुरू कर दिया गया है.
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