सुपौल. बिहार सरकार ने राज्य के तकनीकी छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. मंगलवार को राज्य के 15 इंजीनियरिंग कॉलेजों में विदेशी भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम की आधिकारिक शुरुआत की गई. इसके तहत सुपौल इंजीनियरिंग कॉलेज में उक्त कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य सचिव और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव द्वारा वर्चुअल माध्यम से किया गया. इस नई पहल के तहत छात्रों को फ्रेंच और जर्मन, दो प्रमुख विदेशी भाषाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा. सुपौल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग को फ्रेंच भाषा के लिए विशेष प्रशिक्षण केंद्र के रूप में चयनित किया गया है. अब यहां के छात्र तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ फ्रेंच भाषा का भी अध्ययन कर सकेंगे. उद्घाटन समारोह में सभी चयनित कॉलेजों के प्राचार्य, फैकल्टी सदस्य और छात्र ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए. मुख्य सचिव ने अपने संबोधन में कहा, विदेशी भाषाओं का ज्ञान छात्रों के लिए उच्च शिक्षा और वैश्विक कंपनियों में रोजगार के नए अवसर खोलेगा. यह पहल युवाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूत बनाएगी. सुपौल इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य प्रो एएन मिश्रा ने कहा कि कॉलेज इस कार्यक्रम को पूरी गंभीरता से लागू करेगा और छात्रों को उच्च गुणवत्ता का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. यह पहल न केवल बिहार के तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में एक नई दिशा तय करेगी, बल्कि राज्य के युवाओं को वैश्विक संभावनाओं से जोड़ने में भी मील का पत्थर साबित हो सकती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है