सुपौल. सुपौल जिले के वीरपुर प्रखंड के लिए यह गर्व का क्षण है, जब जिले के होनहार खिलाड़ी आयुष मिश्र और आर्यन मिश्र ने गुजरात के गांधीनगर में 26 दिसंबर से 30 दिसंबर 2025 के बीच आयोजित 40 वीं नेशनल ताइक्वांडो आईटीएफ चैंपियनशिप 2025 में अपनी-अपनी श्रेणियों में गोल्ड मेडल जीतकर न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे सुपौल जिले का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है. गौरतलब है कि यह सफलता पहली नहीं है. इससे पूर्व वर्ष 2024 में गोवा में आयोजित 39 वीं नेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप में भी दोनों भाइयों ने गोल्ड मेडल जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था. इसके अलावा अगस्त 2025 में नई दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में आयोजित राज्यस्तरीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में भी आयुष और आर्यन ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया था. आयुष और आर्यन की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से वीरपुर सहित पूरे सुपौल जिले में खुशी और गर्व का माहौल है. खेल प्रेमियों, शिक्षकों एवं स्थानीय लोगों ने दोनों भाइयों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए इसे जिले के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बताया है. उपलब्धियों की लंबी सूची पिछले तीन वर्षों में आयुष मिश्र ने राज्यस्तरीय, जोनल और नेशनल स्तर की विभिन्न ताइक्वांडो चैंपियनशिप में चार गोल्ड, दो सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीतकर निरंतर सफलता का परचम लहराया है. वहीं आर्यन मिश्र ने राज्यस्तरीय एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अब तक चार गोल्ड मेडल अपने नाम किए हैं. इसी दिसंबर माह में दिल्ली में आयोजित इंटर स्कूल ताइक्वांडो चैंपियनशिप में भी आयुष ने गोल्ड मेडल जीतकर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की. इस वर्ष की चैंपियनशिप के दौरान दोनों भाइयों ने गांधीनगर में तकनीकी एवं अंपायरिंग का विशेष प्रशिक्षण भी सफलतापूर्वक प्राप्त किया. अब वे राज्यस्तरीय ताइक्वांडो प्रतियोगिताओं में अंपायरिंग की जिम्मेदारी भी निभा सकेंगे. इस प्रशिक्षण में यूनाइटेड किंगडम (इंग्लैंड), ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, साइप्रस और ताइवान जैसे देशों से आए अंतरराष्ट्रीय ताइक्वांडो विशेषज्ञों ने मार्गदर्शन प्रदान किया. शिक्षा और साहित्य में भी अव्वल उल्लेखनीय है कि आयुष और आर्यन, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो रणजीत कुमार मिश्र के सुपुत्र व प्रो शिवाकांत मिश्र के पौत्र हैं. वर्तमान में दोनों भाई दिल्ली के प्रतिष्ठित स्प्रिंगडेल्स स्कूल में क्रमशः आठवीं एवं छठी कक्षा के विद्यार्थी हैं. खेल के साथ-साथ शिक्षा और साहित्य में भी आयुष मिश्र ने अपनी अलग पहचान बनाई है. आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले आयुष की अब तक अंग्रेजी भाषा में पांच पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. इसके लिए उन्हें ‘यंग ऑथर’ एवं ‘सिल्वर स्टार ऑथर’ जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है.
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