सुपौल. जिले में बीते कई दिनों से जारी गर्मी से जूझ रहे लोगों को गुरुवार की अहले सुबह तेज हवा और गरज के साथ हुई बारिश ने बड़ी राहत दी. मौसम में अचानक आए इस बदलाव से तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई. हालांकि, इस बेमौसम बारिश ने जहां लोगों को गर्मी से राहत दी, वहीं किसानों के लिए यह चिंता का कारण बन गई है. बारिश से सबसे अधिक नुकसान खेतों में लगभग तैयार खड़ी गेहूं की फसल को हुआ है. कई स्थानों पर फसल की कटाई शुरू हो चुकी थी, ऐसे में तेज बारिश और पानी लगने से फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. किसानों की मानें तो अगर यह बारिश का सिलसिला जारी रहा, तो ना केवल कटाई में देरी होगी बल्कि फसल की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा. हालांकि, इस बारिश से आम, लीची और कटहल जैसे मौसमी फलों एवं कुछ सब्जियों की खेती को फायदा पहुंचा है. बारिश का असर केवल कृषि तक ही सीमित नहीं रहा. गुरुवार को हुई मूसलाधार बारिश से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गई. सदर प्रखंड के कई मोहल्लों में वर्षों से जल निकासी की समस्या बनी हुई है, जिससे हर वर्ष बरसात में आमजन को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है. लोगों ने बताया कि जलजमाव के कारण घर से निकलना मुश्किल हो जाता है और कई दिनों तक जमा पानी से गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. कृषि मौसम वैज्ञानिक देवन कुमार चौधरी के अनुसार, गुरुवार को जिले में 45.1 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई. इस दिन अधिकतम तापमान 27.9 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 15.2 डिग्री सेल्सियस रहा. उन्होंने बताया कि अगले दो दिनों तक इसी तरह का मौसम बने रहने की संभावना है. जिले में बीते कई दिनों से जारी भीषण गर्मी से जूझ रहे लोगों को गुरुवार की अहले सुबह आई तेज हवा और गरज के साथ हुई बारिश ने बड़ी राहत दी. मौसम में अचानक आए इस बदलाव से तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई. हालांकि, इस बेमौसम बारिश ने जहां लोगों को गर्मी से राहत दी, वहीं किसानों के लिए यह चिंता का कारण बन गई है. बारिश से सबसे अधिक नुकसान खेतों में लगभग तैयार खड़ी गेहूं की फसल को हुआ है. कई स्थानों पर फसल की कटाई शुरू हो चुकी थी, ऐसे में तेज बारिश और पानी लगने से फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. किसानों की मानें तो अगर यह बारिश का सिलसिला जारी रहा, तो ना केवल कटाई में देरी होगी बल्कि फसल की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा. हालांकि, इस बारिश से आम, लीची और कटहल जैसे मौसमी फलों एवं कुछ सब्जियों की खेती को फायदा पहुंचा है. बारिश का असर केवल कृषि तक ही सीमित नहीं रहा. गुरुवार को हुई मूसलाधार बारिश से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गई. सदर प्रखंड के कई मोहल्लों में वर्षों से जल निकासी की समस्या बनी हुई है, जिससे हर वर्ष बरसात में आमजन को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है. लोगों ने बताया कि जलजमाव के कारण घर से निकलना मुश्किल हो जाता है और कई दिनों तक जमा पानी से गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. कृषि मौसम वैज्ञानिक देवन कुमार चौधरी के अनुसार, गुरुवार को जिले में 45.1 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई. इस दिन अधिकतम तापमान 27.9 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 15.2 डिग्री सेल्सियस रहा. उन्होंने बताया कि अगले दो दिनों तक इसी तरह का मौसम बने रहने की संभावना है.
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