– सदर अस्पताल में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों व एएनएम को दिया जा रहा प्रशिक्षण – शिशुओं में होने वाली गंभीर समस्या व उनकी समय पर पहचान के तरीकों के बारे में दी गई जानकारी सुपौल. सदर अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ ललन कुमार ठाकुर एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक सह जिला योजना समन्वयक बालकृष्ण चौधरी के नेतृत्व में बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों एवं एएनएम के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण सत्र की शुरुआत की गई. स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने तथा मातृ-शिशु स्वास्थ्य को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कई अनुभवी प्रशिक्षकों की सक्रिय भागीदारी रही. प्रशिक्षक के रूप में डॉ शंकर कुमार, डॉ योग नारायण पासवान तथा पीरामल फाउंडेशन की ओर से डॉ अयान दास विश्वास, डॉ सुद्दिष्ट कुमार मिश्रा और सीनल भारद्वाज थे. विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को शिशुओं में होने वाली गंभीर समस्याओं और उनकी समय पर पहचान के तरीकों के बारे में जानकारी दी. प्रशिक्षण में शिशुओं में डायरिया, जॉन्डिस (पीलिया) जैसी सामान्य लेकिन गंभीर बीमारियों के लक्षणों की पहचान, तत्काल चिकित्सा प्रबंधन और रोकथाम पर विशेष फोकस किया गया. साथ ही एमसीपी कार्ड को सही तरीके से पढ़ने, स्तनपान की सही तकनीक तथा जन्म के बाद बच्चों में दिखने वाले खतरे के लक्षणों की पहचान पर चर्चा की गई. विशेषज्ञों ने बताया कि शिशुओं की पहली 28 दिन की अवधि अत्यंत संवेदनशील होती है, ऐसे में सीएचओ और एएनएम की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. सही प्रशिक्षण और जागरूकता से कई जटिल परिस्थितियों को समय रहते संभाला जा सकता है. कार्यक्रम का उद्देश्य स्वास्थ्य कर्मियों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाना और समुदाय में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना है. सिविल सर्जन ने कहा कि इस प्रशिक्षण से स्वास्थ्य कर्मियों की दक्षता में वृद्धि होगी और जिले में मातृ एवं नवजात मृत्यु दर में कमी लाने में मदद मिलेगी.
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