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बिना अन्नदाताओं की तक्दीर बदले देश की नहीं बदल सकती है सूरत : सांसद

दोनों सरकार मिलकर किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर तरह-तरह की योजनाएं चल रही है.

– कल और आज की किसानी में हुआ है परिवर्तन : डीएम दो दिवसीय कृषि यांत्रीकरण सह प्रदर्शनी मेला का आयोजन किया गया आयोजन – सांसद व डीएम ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का किया शुभारंभ सुपैल कृषि विभाग द्वारा जिला कृषि कार्यालय परिसर में गुरुवार को दो दिवसीय कृषि यांत्रीकरण सह प्रदर्शनी मेला का आयोजन किया गया. मेला का उद्घाटन क्षेत्रीय सांसद दिलेश्वर कामैत, जिलाधिकारी कौशल कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी पप्पू कुमार, जदयू नेता रामचंद्र यादव समेत अन्य लोगों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया. मेला में उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए सांसद ने कहा कि अन्नदाताओं की तरक्की पर ही देश और समाज की तरक्की निर्भर करता है. बिना अन्नदाताओं की सूरत बदले देश की सूरत नहीं बदली जा सकती. इसे सार्थक करने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार लगातार प्रयासरत हैं. दोनों सरकार मिलकर किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर तरह-तरह की योजनाएं चल रही है. बस जरूरत इस बात की है कि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक किसानों को मिले ताकि देश की आर्थिक रीढ़ माने जाने वाले कृषि बेहतर हो सके. राज्य सरकार ने कृषि कार्यों को बेहतर बनाने के लिए कृषि रोड मैप तक तैयार कर रखी है. फिलहाल राज्य में चौथे कृषि रोड मैप लागू है, जिसके तहत किसानों की आवश्यकतानुसार योजनाएं तैयार की गई है. खासकर किसानों को आधुनिक ढर्रे पर लाने को लेकर कृषि यांत्रिकरण जैसी योजनाएं चलाई जा रही है. इसका मकसद न सिर्फ किसानी को आसान बनाना है, बल्कि कृषि लागत को कम कर किसानों की आय को बढ़ाना भी है. इन यंत्रों पर सरकार द्वारा अनुदान दिए जाने की भी व्यवस्था की गई है. गत दिनों मखाना विकास केंद्र के गठन को बजट में शामिल कर मखाना उत्पादन से जुड़े किसानों की तरक्की को आसान कर दिया है. अब यहां के किसान मखाना उत्पादन कर बेहतर कमाई कर सकते हैं. बिहार में कृषि रोड मैप जैसी व्यवस्था को देश के प्रधानमंत्री ने भी सराहा है और इसे पूरे देश में लागू करने का फैसला लिया है, जो बिहार के लिए गौरव की बात है. जिलाधिकारी कौशल कुमार ने कहा कि कल और आज की किसानी में काफी परिवर्तन हुआ है. परिवर्तन की मुख्य वजह कृषि कार्यों में यांत्रीकरण का प्रवेश होना है. सरकार किसानों को आधुनिकता के साथ जोड़ने की भरपूर कोशिश कर रही है. इसके लिए कृषि क्षेत्र में कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है. किसानों को चाहिए कि वे जरूरत के अनुसार छोटे बड़े यंत्रों का क्रय कर अपने उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाएं. कहा कि जलवायु में हो रहे परिवर्तन का सीधा असर खेती-बाड़ी पर पड़ता है. हमें जलवायु अनुकूल खेती को भी अपनाने की जरूरत है. उत्पादित अनाजों का सही कीमत किसानों को मिले इसके लिए एमएसपी लागू कर खरीदारी की भी व्यवस्था की गई है. खरीफ फसल में शामिल धान की खरीदारी जिले में बंपर हुई है. विभिन्न समितियां द्वारा खरीदे गए धान की कीमत किसानों को 48 घंटे के अंदर उपलब्ध कराए गए हैं. जिला कृषि पदाधिकारी ने यांत्रीकरण मेला के उद्देश्य पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा की खेती की लागत को कम किए बगैर हम किसानों की आय नहीं बढ़ा सकते हैं. इसके लिए आवश्यक है कि यांत्रीकरण को बढ़ावा दिया जाए. किसानों की आवश्यकताओं को देखते हुए सरकार ने न सिर्फ छोटे बड़े यंत्रों को यांत्रीकरण में शामिल किया है, बल्कि इसकी खरीद पर किसानों को अनुदान दिए जाने की भी व्यवस्था कर रखी है. विभिन्न प्रकार के यंत्रों का लगाया गया प्रदर्शनी वर्ष 2024-25 में कृषि यांत्रिकीकरण योजना अंतर्गत अद्यतन तक कुल 3751 आवेदन प्राप्त हुआ, जिसके विरुद्ध अनुदानित दर पर कृषि यंत्रों की खरीद के लिए ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से कुल 1244 स्वीकृति पत्र निर्गत किया गया है. जिसका कुल अनुदान की राशि 02 करोड 77 लाख 66 हजार 600 रुपये है. यांत्रिकीकरण मेला में कुल 17 पंजीकृत विक्रेताओं द्वारा विभिन्न प्रकार के यंत्रों का प्रदर्शनी लगाया गया. सांसद एवं डीएम ने सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों को विभागीय योजनाओं का ससमय क्रियान्वित करते हुए कृषकों को लाभान्वित किये जाने हेतु निदेशित किया. दो दिवसीय मेला में सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन योजना के तहत कृषि यंत्र बैंक की स्थापना को लेकर कोसी एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड त्रिवेणीगंज को सांसद और जिलाधिकारी द्वारा 08 लाख का डमी चेक प्रदान किया गया. मौके पर सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण अखिलेश कुमार, सहायक निदेशक उद्यान अमृता कुमारी, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण श्याम नंदन कुमार, सहायक निदेशक मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं मिट्टी जांच अमितेश कुमार के अलावा वन प्रमंडल पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी ,जिला गव्य विकास पदाधिकारी सभी अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक ,प्रखंड उद्यान पदाधिकारी, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक ,किसान सलाहकार व प्रगतिशील कृषक उपस्थित थे.

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