सुपौल. जिले वासियों को एक सप्ताह तक झेलनी पड़ी भीषण ठंड के बाद गुरुवार को आखिरकार हल्की राहत मिली. पिछले कई दिनों से उत्तर भारत में सक्रिय शीत लहर का असर जिले में भी साफ तौर पर देखने को मिल रहा था. ठंडी हवाओं और घने कोहरे के कारण जनजीवन पूरी तरह प्रभावित रहा. खासकर सुबह और शाम के समय सर्दी का प्रकोप इतना अधिक था कि लोग घरों से बाहर निकलने से बचते नजर आए. बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ी, जिन्हें सर्दी, खांसी और बुखार जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा. गुरुवार की सुबह जैसे ही आसमान साफ हुआ और सूर्य देव ने दर्शन दिए, वैसे ही लोगों के चेहरे खिल उठे. एक सप्ताह बाद निकली धूप ने जिलेवासियों को ठंड से कुछ हद तक राहत दी. सुबह से ही जिले के विभिन्न इलाकों में लोग धूप सेंकते हुए नजर आए. घरों की छत, आंगन और खुले मैदानों में लोग बैठकर धूप का आनंद लेते दिखे. गांधी मैदान सहित अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी चहल-पहल बढ़ गई. बच्चे धूप में खेलते नजर आए तो बुजुर्ग कुर्सियों पर बैठकर ठंड से राहत महसूस करते दिखे. ठंड से प्रभावित रहा जनजीवन पिछले एक सप्ताह में ठंड का असर इतना ज्यादा रहा कि बाजारों में भी सन्नाटा पसरा रहा. सुबह के समय घने कोहरे के कारण दृश्यता बेहद कम हो जाती थी, जिससे वाहन चालकों को काफी परेशानी हुई. स्कूल जाने वाले बच्चों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. कई अभिभावकों ने बच्चों को ठंड के कारण घर में ही रोकना उचित समझा. वहीं दिहाड़ी मजदूरों और किसानों के लिए भी ठंड किसी चुनौती से कम नहीं रही. खुले में काम करने वाले लोग सर्द हवाओं और कम तापमान से परेशान रहे. बुजुर्गों और छोटे बच्चों में सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायतें बढ़ गई थीं. सदर अस्पताल समेत जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में ठंड से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या में इजाफा देखा गया. डॉक्टरों ने लोगों को गर्म कपड़े पहनने, सुबह-शाम बाहर निकलने से बचने और गर्म तरल पदार्थों के सेवन की सलाह दी. कृषि मौसम वैज्ञानिक की राय इस संबंध में कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ देबन कुमार चौधरी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाओं के कारण जिले में शीतलहर की स्थिति बनी हुई थी. पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर पड़ने और आसमान साफ होने से गुरुवार को धूप निकली है. जिससे दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि आने वाले एक-दो दिनों तक दिन के तापमान में और वृद्धि हो सकती है. जिससे ठंड से कुछ राहत मिलेगी. हालांकि, रात के तापमान में अभी गिरावट बनी रह सकती है. सुबह-शाम ठंड का असर महसूस किया जाएगा. किसानों को फसल को ठंड से बचाने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है. जनवरी में फिर बढ़ सकती है ठंड जानकारों के अनुसार दिसंबर के अंतिम सप्ताह में ठंड का असर सामान्य है. पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी का प्रभाव मैदानी क्षेत्रों में शीत लहर के रूप में देखने को मिल रहा है. मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल ठंड पूरी तरह खत्म होने की संभावना नहीं है. जनवरी के पहले पखवाड़े में एक बार फिर ठंड बढ़ सकती है, इसलिए लोगों को अभी से सावधानी बरतने की जरूरत है. ठंड में गर्म पानी का करें सेवन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ठंड के मौसम में विशेष सावधानी बरतने की अपील की है. डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. जिससे सर्दी-जुकाम, खांसी और फ्लू जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में गर्म कपड़े पहनना, गर्म पानी पीना और पौष्टिक आहार लेना जरूरी है. बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी गई है. एक सप्ताह बाद निकली धूप ने जिलेवासियों को बड़ी राहत दी है. फिलहाल धूप के निकलने से जिले में रौनक लौट आई है. लोग ठंड से मिली इस अस्थायी राहत का भरपूर आनंद ले रहे.
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