सुपौल. जिले के छातापुर प्रखंड अंतर्गत ललित ग्राम में मंगलवार को ऋणी परिवारों की ओर से जनसंवाद एवं न्याय यात्रा कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान ऋणी परिवारों ने खुलकर अपनी पीड़ा, शोषण और प्रताड़ना की कहानियां साझा की. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ अमन कुमार ने कहा कि लोन से पीड़ित परिवारों की स्थिति बेहद दयनीय है. किसान, मजदूर, बेरोजगार युवा, छात्र-छात्राएं और महिलाएं ब्याज सहित लोन चुकाने में पूरी तरह लाचार हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अमीर उद्योगपतियों के कर्ज माफ कर रही है, जबकि गरीबों के घर-जमीन नीलाम हो रहे हैं. कहा कि अगर उद्योगपतियों का 25 लाख करोड़ रुपया माफ हो सकता है, तो गरीब किसानों और महिलाओं का कर्ज क्यों नहीं? कार्यक्रम में यह मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया गया कि समूह लोन पर 12 से 52 प्रतिशत तक ब्याज वसूला जा रहा है, जिसे चुकाना लगभग असंभव है. इसका सबसे ज्यादा असर महिलाओं और उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई एवं शारीरिक-मानसिक विकास पर पड़ रहा है. डॉ कुमार ने स्पष्ट किया कि लोन माफी आंदोलन किसी जाति, धर्म या पार्टी के पक्ष या विरोध का आंदोलन नहीं है, बल्कि गरीबों के हक की लड़ाई है. जनसंवाद में संतोष गुप्ता, मो जाकिर, कृष्ण देव ठाकुर, बृजेश कुमार, मो फिरोज, पारो देवी, रेखा देवी, रवीना खातून, फूलो देवी, लक्ष्मी देवी, सुलेखा देवी, प्रभा देवी, आशा देवी, निक्की देवी, मुन्नी देवी आदि ने बढ़-चढ़कर भाग लिया.
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