छातापुर मुख्यालय बाजार निवासी जैनी नवरत्न वैद के आवास पर आयोजित आठ दिवसीय पर्युषण पर्व का समापन गुरुवार को हो गया. पर्व के दौरान आठ दिनों तक निराहार तपस्या करनेवाली 22 वर्षीया जिया वैद का पारण किया. तेरापंथ धर्म संघ के 11वें आचार्य महाश्रवण जी की शिष्या धर्म प्रचारक उपासिका द्वय संगीता बाई तातेड़ व संजू बाई बुच्चा के सानिध्य में आयोजित पर्युषण पर्व के समापन के अवसर पर जैनी समाज के लोगों की आस्था व उमंग के साथ मौजूदगी देखी गई. समापन सत्र में तप, त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति जिया वैद द्वारा आठ दिनों तक निराहार अठ्ठाई की तपस्या का पारण उसके दादा संतोष चंद वैद और मांगी लाल वैद द्वारा जूस पिलाकर किया गया. उपासिका द्वय ने कहा कि संवत्सरी को क्षमा दिवस के रूप में भी जाना जाता है. यह पर्व आत्मशुद्धि और पश्चाताप का दिन होता है. जहां जैन श्रावक समाज अपने साल भर के कर्मों का लेखा जोखा कर आध्यात्मिक शुद्धि के लिए प्रार्थना और क्षमा याचना करते हैं. उपासिका द्वय ने अठ्ठाई की तपस्या करने वाली जिया वैद तथा उसके प्रेरणास्रोत पिता नवरत्न वैद एवं माता अनिता देवी सहित पूरे परिवार की प्रशंसा की. कहा कि ग्रामीण परिवेश में रहकर भी जैन समाज के लोग अपने धर्म संघ की आचार संहिता का पालन करते हुए इसकी प्रभावना को आगे बढ़ा रहे हैं. जीवन तभी सफल और सार्थक हो पाता है जब आप अपने मन के मैल को धो पाते हैं. जैन धर्म में संवत्सरी ही एक ऐसा पर्व है जिसमें इस विशेष मौके पर सबसे मैत्री, वात्स्लय, आत्मियता का संबंध जोड़ने का प्रयास करते हैं. उपासिका द्वय को भाव विभोर होकर विदाई दी और दिल्ली जाने के लिए रवाना किया. मौके पर पर हीरालाल बाफना, प्रकाशचंद वैद, विट्टू वैद, प्रमोदचंद बोथरा, राजेश वैद, मांगी लाल बाफना, ताराचंद बाफना, अशोक चौधरी, सुरेंद्र चौधरी, मनोज घोडावत, लक्ष्मी वैद, तनुजा वैद, सीमा चौधरी, मीरा चौधरी, रौशनी बाफना, शकुंतला देवी मुख्य रूप से थे.
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