सुपौल. समाहरणालय स्थित सभागार में जिलाधिकारी सावन कुमार की अध्यक्षता में बाढ़ पूर्व तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में जिले भर की बाढ़ से संबंधित तैयारियों की समीक्षा करते हुए कई अहम दिशा-निर्देश दिए गए. जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि गत वर्ष के बाढ़ प्रभावितों को दी जाने वाली सहायता राशि, जैसे नाव, नाविक शुल्क और गृह क्षति मुआवजे का लंबित भुगतान दो दिनों के भीतर हर हाल में सुनिश्चित किया जाए. इसके लिए संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया है. बैठक में जीआर से संबंधित डाटा का अविलंब अद्यतन (अपडेशन) प्रारंभ करने का निर्देश भी दिया गया. साथ ही सभी अंचल अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि उनके अधीनस्थ क्षेत्रों में स्थित बाढ़ शरण स्थलों और सामुदायिक रसोई केंद्रों का समय से पूर्व निरीक्षण कर लिया जाए, ताकि आपात स्थिति में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो. इसके अतिरिक्त, आपदा संपूर्ति पोर्टल पर अपलोड किए गए जीआर डाटा का वार्ड स्तर पर भौतिक सत्यापन करने का निर्देश भी अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता एवं अंचल अधिकारियों को दिया गया. इस अवसर पर उप विकास आयुक्त सारा अशरफ, आपदा प्रबंधन के अपर समाहर्ता राशीद कलीम अंसारी, अनुमंडल पदाधिकारी सुपौल एवं निर्मली, भूमि सुधार उप समाहर्ता सुपौल, निर्मली एवं वीरपुर, आपदा प्रभारी चंद्रभूषण कुमार तथा सुपौल, किशनपुर, सरायगढ़-भपटियाही, निर्मली, मरौना, बसंतपुर के सीओ व अन्य कर्मी उपस्थित थे. बैठक का उद्देश्य बाढ़ पूर्व तैयारियों को सुदृढ़ करना एवं आपदा की स्थिति में राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करना था. जिलाधिकारी ने सभी पदाधिकारियों को समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया और कहा कि बाढ़ प्रभावितों को राहत पहुंचाने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी.
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