सुपौल. संघर्षों और उपलब्धियों का गवाह बना सुपौल जिला इस वर्ष अपने स्थापना के 35 वें वर्ष में प्रवेश करेगा. वहीं, बिहार अपने 114 साल के गौरवशाली इतिहास को याद करेगा. खास बात यह है कि इस बार दोनों ऐतिहासिक अवसर एक साथ 22 मार्च को मनाए जाएंगे. आमतौर पर सुपौल जिला स्थापना दिवस हर साल 14 मार्च को मनाया जाता था, लेकिन इस वर्ष होली पर्व के कारण दोनों आयोजन एक साथ करने का निर्णय लिया गया है. जिला मुख्यालय में आयोजित होने वाले भव्य समारोह में जिले की सांस्कृतिक विरासत, सामाजिक विकास और ऐतिहासिक सफर की झलक देखने को मिलेगी. एडीएम राशिद कलीम अंसारी ने बताया कि कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. इस मौके पर जिले के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं, कलाकारों और समाजसेवियों को सम्मानित किया जाएगा. बाधाएं आईं, लेकिन थमा नहीं विकास का पहिया सुपौल जिला ने बीते 35 वर्षों में कई उतार-चढ़ाव देखे. कोसी की प्रलयंकारी धार और प्राकृतिक आपदाओं के बीच भी विकास की रफ्तार नहीं थमी. यही वजह है कि आज सुपौल जिला लगातार प्रगति की नई इबारत लिख रहा है. वैदिक काल से मिथिलांचल का हिस्सा रहा यह क्षेत्र हिंदू पौराणिक कथाओं में ””मत्स्य क्षेत्र”” के नाम से विख्यात है. ब्रिटिश काल में 1870 में अनुमंडल बने सुपौल को 14 मार्च 1991 को जिला का दर्जा मिला और तब से यह जिला विकास की राह पर अग्रसर है. प्रभातफेरी से होगी जागरूकता की शुरुआत संयुक्त आयोजन के अवसर पर 22 मार्च को सुबह 07 बजे से भव्य प्रभातफेरी निकाली जाएगी. इसमें जल जीवन हरियाली, स्वच्छता, नशा मुक्ति, दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता फैलाई जाएगी. स्लोगन, कविता और आलेख के माध्यम से संदेश दिया जाएगा. यह प्रभातफेरी जिला मुख्यालय के साथ-साथ सभी अनुमंडल, प्रखंड और पंचायत स्तर पर भी निकाली जाएगी. प्रभातफेरी गांधी मैदान से शुरू होकर लोहिया चौक, बीएसएस कॉलेज, स्टेशन चौक, महावीर चौक होते हुए पुनः गांधी मैदान में समाप्त होगी. इसके बाद पूर्वाह्न 11 बजे स्थानीय गांधी मैदान में कार्यक्रम की स्मारिका का विमोचन, स्टॉल निरीक्षण और विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को चेक वितरण भी किया जाएगा. खेल व संस्कृति से सजेगा दिन दोपहर 02 बजे स्थानीय स्टेडियम में फैंसी क्रिकेट मैच और महिला वॉलीबाल मैच का आयोजन होगा. इसके सफल संचालन की जिम्मेदारी एसडीएम इंद्रवीर कुमार को सौंपी गई है. जबकि संध्या काल में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. सांझ ढले दीपों से सजेगा गांधी मैदान सांझ के समय गांधी मैदान स्थित पोखर पर दीप और कैंडल जलाकर जिले के गौरवमयी सफर को सलाम किया जाएगा. इसके बाद नामचीन कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे, जिसमें जिले की कला, संस्कृति और विरासत जीवंत हो उठेगी. जिला प्रशासन ने आम नागरिकों से इस गौरवशाली आयोजन में शामिल होकर इतिहास के इस स्वर्णिम क्षण के साक्षी बनने की अपील की है. यह दिन न केवल जिले की विकास यात्रा का प्रतीक बनेगा, बल्कि सामाजिक जागरूकता और एकजुटता का संदेश भी देगा.
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