लोगों को आवागमन में मिलेगी सुविधा सुपौल. सुपौल रेलवे स्टेशन के दक्षिणी ढाला पर यात्रियों और आमजन को बड़ी राहत मिलने वाली है. स्टेशन विस्तारीकरण के दौरान बंद किए गए इस पुराने ढाला पर अब लाइट रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण कराया जाएगा. रेलवे द्वारा इस बहुप्रतीक्षित योजना के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. रेलवे स्टेशन के दक्षिणी हिस्से में स्थित यह ढाला लंबे समय से बंद पड़ा है. जिससे आम लोगों और आसपास के ग्रामीणों को आवाजाही में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. खासकर स्टेशन के दक्षिणी हिस्से के लोग स्टेशन आने-जाने के लिए बड़ी दूरी तय करने को मजबूर थे. लाइट आरओबी के निर्माण से न सिर्फ स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि स्टेशन के दोनों ओर की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी. छोटे वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए यह ओवरब्रिज वरदान साबित होगा. जानकारी के मुताबिक, ओवरब्रिज का डिजाइन ऐसा तैयार किया गया है. जिससे लोगों को सुगम और सुरक्षित आवागमन का रास्ता मिल सके. रेलवे ने इसके लिए सारी तकनीकी प्रक्रिया पूरी कर ली है. निर्माण एजेंसी का चयन भी कर लिया गया है. रेलवे प्रशासन द्वारा मंडल रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति (डीआरयूसीसी ) के सदस्य कुणाल ठाकुर ने इसके लिए एक प्रस्ताव दिया था. जिसे मंजूरी दे दी गयी. स्थानीय लोगों ने इसे बड़ी सौगात बताते हुए कहा कि इससे यातायात व्यवस्था में सुधार होगा. स्टेशन तक पहुंचना आसान हो जाएगा. रेलवे प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि तय समय सीमा के भीतर काम पूरा कर ओवरब्रिज लोगों को समर्पित कर दिया जाएगा. रेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डिजाइन फाइनल होने के बाद कार्य शुरू कर दिया जायेगा. ढाला पार करना होगा सुगम दक्षिणी रेलवे ढाला पर लाइट रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण से एक बड़ी आबादी को आवागमन में सुविधा मिलेगी. बड़ी रेल लाइन बनने के बाद इस मार्ग को बंद कर दिया गया था. जिस कारण स्थानीय लोगों में रेलवे के प्रति भारी आक्रोश पनपा था. लोगों को दस कदम की दूरी तय करने के लिए दो किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करना पड़ रहा है. अब लोग सीधे रेलवे ओवरब्रिज पार कर कुछ ही मिनट में बाजार पहुंच जाएंगे. जानकार बताते हैं कि इस ब्रिज पर ई रिक्सा, बाइक व पैदल लोग आवागमन कर सकते हैं. खासकर चकला निर्मली, झखराही के लोगों को आवागमन में सुगमता प्रदान होगी. लोगों ने रेलवे के इस पहल की सराहना की है. हालांकि लोगों की अपेक्षा है कि इस पर बड़े ब्रिज का निर्माण होता तो भारी वाहनों का भी आवागमन हो सकता था.
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