– ठेकेदार की लापरवाही से अधर में लटका प्रोजेक्ट, जल्द हो सकती है संविदा रद्द – 08 मार्च 2020 को किया गया था शिलान्यास, दिसंबर 2023 तक निर्माण कार्य करना था पूर्ण सुपौल. राष्ट्रीय राजमार्ग-327ई पर किलोमीटर 194.00 पर पुराने लेवल क्रॉसिंग की जगह बनाए जा रहे रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) का निर्माण कार्य ठेकेदार की लापरवाही के कारण बुरी तरह प्रभावित हो गया है. केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को इपिक मोड पर पूरा किया जाना था, लेकिन तय समय सीमा के वर्षों बाद भी निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है. अधिकारियों ने जताई गहरी नाराजगी परियोजना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि ठेकेदार को बार-बार नोटिस और चेतावनी दी गई, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ. बीते एक साल में महज 5.66 प्रतिशत प्रगति दर्ज की गई है और अब तक कुल भौतिक प्रगति 60.66 प्रतिशत ही पहुंच सकी है. जबकि अधिकांश निर्माण कार्य दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाना था. सड़क चौड़ीकरण और सर्विस रोड का अब तक नहीं शुरू हुआ काम सूत्रों के मुताबिक ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस और अनुस्मारक पत्र कई बार जारी किए गए, लेकिन नतीजा सिफर रहा. सड़क चौड़ीकरण और सर्विस रोड निर्माण का काम अभी तक शुरू भी नहीं हो सका है. आरओबी निर्माण के तहत 16 दिसंबर 2024 तक 10 में से महज दो डेक स्लैब ही तैयार हो सके हैं. 19 दिसंबर 2024 से एक भी डेक स्लैब का काम पूरा नहीं हुआ है. मौजूदा सड़क का चौड़ीकरण और पुनर्निर्माण मार्च 2025 तक शुरू भी नहीं किया गया. इतना ही नहीं सर्विस रोड मार्च 2025 तक पूर्ण नहीं किया गया. समीक्षा बैठकों में दिए गए आश्वासन भी निकले झूठे सड़क परिवहन और राज्य मंत्रालय (एमओआरटीएच) के मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठकों में ठेकेदार ने समय पर कार्य पूरा करने का आश्वासन दिया था. लेकिन धरातल पर स्थिति बेहद खराब है. प्रोजेक्ट मैनेजर तक अक्सर साइट पर अनुपस्थित रहते हैं. मशीनरी, सामग्री और श्रमिकों की भारी कमी साफ देखी जा रही है. परियोजना प्रबंधन के अनुसार ठेकेदार ईपीसी अनुबंध की शर्तों का खुलेआम उल्लंघन कर रहा है. अनुबंध में स्पष्ट है कि यदि ठेकेदार 45 दिनों के भीतर इस कार्य को पूरे नहीं करता है तो संविदा समाप्त की जा सकती है. ठेकेदार की 47.68 लाख की राशि पर रोक वित्तीय वर्ष 2024-25 में औसत मासिक प्रगति केवल 0.138% रही है, जबकि लक्ष्य 4.16% का था. इससे ठेकेदार की गंभीर लापरवाही उजागर होती है. परियोजना अधिकारियों ने ठेकेदार के खिलाफ अनुबंध समाप्ति की कार्रवाई शुरू करने की सिफारिश की है. यदि यह कदम उठाया जाता है तो यह राज्य में हाल के वर्षों की सबसे बड़ी अनुबंध समाप्ति में से एक होगी. नुकसान की होगी भरपाई अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि ठेकेदार की लापरवाही से सरकारी खजाने और आम जनता दोनों को नुकसान हो रहा है. समय रहते यदि कार्य पूरा नहीं किया गया तो ठेकेदार से वसूली और कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

