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498 एकड़ भूमि अधिग्रहण को मंत्रिपरिषद की मंजूरी

निवेशकों के लिए होगा आकर्षक

सुपौल. सुपौल जिले के विकास को नई दिशा देने वाली एक अहम परियोजना को बिहार मंत्रिपरिषद ने हरी झंडी दे दी है. सरकार ने जिले में एक नए औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए कुल 498.06 एकड़ भूमि अधिग्रहण की मंजूरी दी है. इस निर्णय के साथ ही सुपौल के औद्योगिक नक्शे पर एक बड़ा अध्याय जुड़ने जा रहा है. यह परियोजना बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण के तहत चलाई जाएगी. इसके लिए जिले के सरायगढ़-भपटियाही अंचल के सरायगढ़ मौजा से 250 एकड़ व पिपरा अंचल के विशनपुर मौजा से 248.06 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा. इस तरह कुल 498.06 एकड़ भूमि इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए उपलब्ध कराई जाएगी. परियोजना की कुल अनुमानित लागत 151.74 करोड़ रखी गई है. राज्य सरकार का मानना है कि इस औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना से सुपौल जिले में आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा, स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और छोटे-बड़े उद्योगों के लिए नई संभावनाएं खुलेंगी. क्यों है यह परियोजना विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी क्षेत्र का समुचित विकास तभी संभव है जब वहां बेहतर कनेक्टिविटी और पावर सप्लाई की सुविधा हो. सुपौल जिले में पहले से सड़क और बिजली ढांचे में सुधार किया जा रहा है अब औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना से यहां निवेशकों का ध्यान आकर्षित होगा और क्षेत्र का औद्योगिक परिदृश्य पूरी तरह बदल सकता है. इस परियोजना के लागू होने के बाद सबसे बड़ा लाभ स्थानीय युवाओं को रोजगार के रूप में मिलेगा. छोटे-छोटे उद्योगों और एंसीलरी यूनिट्स की स्थापना से सीधे व अप्रत्यक्ष तौर पर हजारों लोगों को काम मिलेगा. इसके अलावा कृषि उत्पाद आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलने की भी संभावना है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है. निवेशकों के लिए होगा आकर्षक बिहार सरकार का प्रयास है कि राज्य को निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाया जाए. सुपौल का यह नया औद्योगिक क्षेत्र उसी दिशा में एक कदम है. यहां पर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाएगा, जिसमें सड़क, बिजली, पानी और आंतरिक परिवहन व्यवस्था शामिल है. मंत्रिपरिषद का निर्णय हाल ही में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दी गई है. इससे भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकेगी. इस परियोजना से सुपौल न केवल औद्योगिक विकास में अग्रणी बनेगा, बल्कि उत्तर बिहार के औद्योगिक नक्शे पर भी नई पहचान स्थापित करेगा. आर्थिक जानकारों का कहना है कि सुपौल में औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना से आसपास के जिलों में भी औद्योगिक माहौल बनेगा. इससे क्षेत्रीय विकास की रफ्तार तेज होगी और पलायन की समस्या पर भी अंकुश लगेगा.

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