सुपौल. भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाने वाली अनंत चतुर्दशी 06 सितंबर को सिद्ध योग में सम्पन्न होगी. इस अवसर पर भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की विशेष पूजा-अर्चना एवं व्रत का आयोजन होगा. पंडित आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने बताया कि स्कंद पुराण, ब्रह्म पुराण और भविष्य पुराण में वर्णित इस व्रत का अत्यधिक धार्मिक महत्व है. यह दिन निर्गुण ब्रह्म की भक्ति और सृष्टि के अनंत स्वरूप के पूजन के लिए समर्पित माना जाता है. इस दिन भक्तजन कलश पर अष्टदल कमल के समान कुश से निर्मित अनंत भगवान की स्थापना करते हैं। पूजा में कुमकुम, केसर, हल्दी, पुष्प, धूप, दीप एवं नैवेद्य अर्पित किया जाता है. विशेष रूप से 14 गांठ वाला अनंत डोरा पूजा में शामिल होता है. कथा वाचन के बाद इसे दाहिनी भुजा पर बांधा जाता है. इसे भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला तथा अनंत फलदायक माना गया है. पंडित मिश्र ने बताया कि 14 गांठें 14 लोको का प्रतीक हैं और उनमें अनंत भगवान का वास माना गया है. इस व्रत को करने से धन, संतान और समृद्धि की प्राप्ति होती है. बताया कि पूजन प्रारंभ करने का उत्तम समय प्रातः 7:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक रहेगा.
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