करजाईन. मैथिली एसोसिएशन विराटनगर नेपाल के द्वारा आयोजित द्विदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन का विराटनगर में भव्यता के साथ समापन हुआ. वैदिक संस्कृति व लोक वेद विषय पर प्रथम सत्र में गोसपुर निवासी मैथिल पंडित आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने कहा कि वैदिक संस्कृति की अभिवृद्धि और रक्षा हेतु उचित शिक्षा, नैतिक शिक्षा, परंपराओं का संवर्धन, प्रकृति संरक्षण के साथ साथ जीवन जीने की शैली परम आवश्यक है. जब तक अपने अपने पूर्वजों की यश कृति के बारे में जानकारी नहीं होगी. तब तक वैदिक संस्कृति को नहीं जान सकते हैं. वैदिक संस्कृति को जानने के लिए धार्मिक होने की आवश्यकता है. इसके साथ-साथ हरेक पर्व त्योहार के महत्व, पर्यावरण रक्षा, जल संरक्षण के साथ साथ पोखर, तालाब और जीव जंतु की भी रक्षा हेतु उचित कार्य किया जाना चाहिए. तभी संस्कृति की अभिवृद्धि हो सकती है. इस कार्यक्रम में आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र को सम्मानित भी किया गया.
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