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1545 छात्र-छात्राओं का भविष्य लटका अधर में
बोर्ड के आदेश के बाद से मिल्लत कॉलेज वीरपुर व अशर्फी दास साहु इंटर महिला कॉलेज, निर्मली के 1545 छात्रों का भविष्य अधर में है. इससे शिक्षा माफियाओं में हड़कंप मच गया है. पंकज झा सुपौल : बिहार बोर्ड द्वारा जिले के दो कॉलेजों के प्रबंध समिति के विरुद्ध प्राथमिकी के आदेश के बाद जहां […]
बोर्ड के आदेश के बाद से
मिल्लत कॉलेज वीरपुर व अशर्फी दास साहु इंटर महिला कॉलेज, निर्मली के 1545 छात्रों का भविष्य अधर में है. इससे शिक्षा माफियाओं में हड़कंप मच गया है.
पंकज झा
सुपौल : बिहार बोर्ड द्वारा जिले के दो कॉलेजों के प्रबंध समिति के विरुद्ध प्राथमिकी के आदेश के बाद जहां इस कारनामे को अंजाम देने वाले शिक्षा माफियाओं में खलबली है. वहीं इन दोनों कॉलेजों में नामांकित डेढ़ हजार से अधिक छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है. इसके साथ ही दोनों कॉलेजों के सचिव व बिहार बोर्ड के तत्कालीन सचिव के गंठजोड़ से किये गये कारनामों की भी पोल खुल गयी है.
बिहार बोर्ड टॉपर घोटाले के आरोप में बेउर जेल में बंद तत्कालीन बोर्ड के सचिव श्रीनिवास चंद्र तिवारी के द्वारा ही इन दोनों महाविद्यालयों के शासी निकाय व प्रबंध समिति के निबंधन से संबंधित पत्र जारी किया गया था.
कॉलेज द्वारा शासी निकाय एवं प्रबंध समिति का निबंधन संख्या दिखा कर ही छात्रों के साथ धोखाधड़ी व फर्जीबाड़े की घटना को अंजाम दिया गया. यही वजह है कि टॉपर घोटाला उजागर होने के बाद सरकार व बिहार बोर्ड ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों महाविद्यालयों के जांच का आदेश दिया था. बोर्ड द्वारा इन दोनों कॉलेजों में नामांकन को अवैध करार देने के बाद नामांकित छात्र व उनके अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ गयी है. बोर्ड ने शिक्षा विभाग को स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किया गया है.
पूर्व सचिव ने जारी किया था निबंधन का पत्र : बिहार बोर्ड टॉपर घोटाले के आरोप में बेउर जेल में बंद बिहार बोर्ड के तत्कालीन सचिव श्रीनिवास चंद्र तिवारी ने 10 अगस्त 2015 को डीइओ को पत्र लिख कर अशर्फी दास साहु समाज इंटर महिला महाविद्यालय के शासी निकाय एवं प्रबंध समिति का निबंधन संख्या जारी किया. सचिव द्वारा जारी महाविद्यालय का निबंधन संख्या 324/15 है. सचिव ने शासी निकाय के तहत 08 सदस्य तथा प्रबंध समिति के तहत 09 सदस्यों को नामित किया था. जिसमें प्राचार्य सह सचिव के रूप में मनोज कुमार साह एवं डॉ जयप्रकाश साहु को अध्यक्ष बनाया गया. इसी प्रकार बोर्ड के सचिव ने मिल्लत कॉलेज वीरपुर के महाविद्यालय प्रबंध समिति का निबंधन करते हुए निबंधन संख्या 26/02 जारी किया तथा प्रबंध समिति में 15 सदस्यों को रखा गया. यहां प्राचार्य सह सचिव मो मुस्तफा को नामित किया गया.
बोर्ड टॉपर घोटाला उजागर होने के बाद हरकत में आयी बिहार सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए जेल में बंद बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद व सचिव हरिहर नाथ झा तथा श्रीनिवास चंद्र तिवारी के कार्यकाल में महाविद्यालयों को प्राप्त संबद्धता एवं निबंधन की जांच का आदेश जारी किया. बोर्ड के निर्देश पर डीएम द्वारा दोनों महाविद्यालय के स्थलीय निरीक्षण व भौतिक सत्यापन के लिए पांच सदस्यीय दल का गठन किया गया.
पांच सदस्यीय जांच दल में एडीएम आपदा, संबंधित अनुमंडल के एसडीओ व डीएसपी, बोर्ड द्वारा नियुक्त एक प्रभारी पदाधिकारी के साथ-साथ डीपीओ स्थापना भी शामिल थे. जांच दल द्वारा दोनों महाविद्यालयों की जांच एक ही दिन 21 जुलाई 2016 को की गयी और इसी दिन जांच प्रतिवेदन भी समर्पित कर दिया गया. प्रतिवेदन में जांच दल ने दोनों ही कॉलेज को बेहतर मानते हुए बिहार बोर्ड से संबद्धता प्राप्त नहीं रहने का जिक्र तक नहीं किया.
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