फोटो-01,02कैप्सन- संबोधित करते महाराज व श्रवण करते श्रद्धालु प्रतिनिधि, प्रतापगंज जीव ईश्वर रूपी पिंड का अंश है. जब तक जीव उस पिंड में मिल नहीं जाता, तब तक अशांत रह कर चौरासी योनियों का भ्रमण करते रहता है. यह बातें प्रखंड के तेकुना पंचायत स्थित खलीफा बाबा स्थान में आयोजित चार दिवसीय संत मत सत्संग के अंतिम दिन श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए स्वामी लाल जी महाराज ने कही. उन्होंने कहा कि जब मानव भक्ति के मार्ग पर चल कर परमात्मा रूपी पिंड को प्राप्त कर लेता है, तब आत्मा और परमात्मा के बीच की दूरी मिट जाती है. उन्होंने भक्ति मार्ग के संबंध में कहा कि मानव का जड़ ईश्वर है. सत्संग आत्मा को परमात्मा से मिला देता है. उन्होंने कहा कि मानव काल की पुकार को सुन लेता है लेकिन संतों व महात्माओं की वाणी को अनसुनी कर देता है. जिस प्रकार नदिया सागर में जाकर शांत हो जाती हैं, उसी प्रकार जीव भी परमात्मा रूपी सागर में समा कर शांत हो जाता है. परमात्मा को प्राप्त करने के लिए भक्ति का मार्ग ही सर्वोपरि है. भक्ति का सीधा अर्थ सेवा से है. चार दिवसीय प्रवचन के दौरान मानिक बाबा, आनंदी बाबा, सीताराम बाबा, शिवानंद बाबा, रामदेव दास, रघुनंदन मल्लिक आदि ने भी प्रवचन को संबोधित किया. जबकि मंच संचालन नागेश्वरी विराजी व संतोष पूर्वे ने किया. आयोजक नारायण चौधरी ने सत्संग के सफल आयोजन के लिए ग्रामीणों को धन्यवाद किया.
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भक्ति का सीधा अर्थ सेवा से है: स्वामी लाल जी महाराज
फोटो-01,02कैप्सन- संबोधित करते महाराज व श्रवण करते श्रद्धालु प्रतिनिधि, प्रतापगंज जीव ईश्वर रूपी पिंड का अंश है. जब तक जीव उस पिंड में मिल नहीं जाता, तब तक अशांत रह कर चौरासी योनियों का भ्रमण करते रहता है. यह बातें प्रखंड के तेकुना पंचायत स्थित खलीफा बाबा स्थान में आयोजित चार दिवसीय संत मत सत्संग […]
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