सुपौल : चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में कोसी नदी के दोनों तटबंधों के बीच के किसानों से बालू व रेत बने खेतों व नदी की बहती धाराओं की जमीन पर लगान व सेस की वसूली के खिलाफ लगान मुक्ति के सवाल पर गुरुवार को कोसी रोड स्थित मिलन मैरेज पैलेस में जन सुनवाई का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश राजेंद्र प्रसाद, पर्यावरणविद् डॉ रवि चौपड़ा, सेवानिवृत्त आइएस शंकर प्रसाद, नदी विशेषज्ञ दिनेश कुमार मिश्र, सामाजिक कार्यकर्ता मधुरेश ने भाग लिया.
जन सुनवाई को संबोधित करते हुए पूर्व न्यायाधीश श्री प्रसाद ने कहा कि बिहार सरकार कोसी तटबंधों के बीच से लगान और सेस लेना तत्काल बंद करे. सभा में कोसी के दो तटबंधों के बीच के रहने वाले सुपौल, सहरसा और मधुबनी जिले के गांवों से आये लोगों ने अपनी बात रखी. उन्होंने सरकार के द्वारा हर क़दम पर हुए धोखेबाज़ी, धांधली और लूट की बात की. जिसका सिलसिला बांध बनाने के समय से जारी है. उस समय भी सरकार ने लोगों को घर, नौकरी, मकान, और अन्य मुआवज़ा देने का वायदा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ. सभा का आयोजन कोसी नव निर्माण मंच ने किया.
महेंद्र यादव ने सभा को समाप्त करते हुए आंदोलन को तीव्र करने की बात कही और कहा की लड़ाई लम्बी है और हमें पार्टियों की राजनीति से ऊपर उठकर एकजुट होना होगा. जनसुनवाई की रिपोर्ट को लेकर गांव-गांव जायेंगे और सरकार को भी घेरेंगें. कार्यक्रम में सत्य नारायण सिंह, कार्तिक कामत, रामनरेश कौशकी, सिहेंश्वर दहियार, रामचन्द्र यादव, सुशील झा, योगेन्द्र साव, अब्बास, शिवकुमार यादव आिद ने अपनी बातें रखी. पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता मणिलाल, काशिफ यूनुस, सामाजिक कार्यकर्ता विनोद मौजूद थे. जन सुनवाई कार्यक्रम के दौरान इंदजीत, आदित्य राज, धर्मेन्द्र, शिवनन्दन, पप्पू सहित अन्य का सराहनीय योगदान रहा. धन्यवाद ज्ञापन सदानंद और मिनतुल्लाह ने किया.