सुपौल. व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को साल का पहला राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसका उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनंत सिंह, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम गजनफर हैदर, डीएम कौशल कुमार, पुलिस अधीक्षक शैशव यादव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रभारी सचिव गुरुदत शिरोमणि सहित अन्य न्यायाधीशों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया. लोक अदालत को लेकर व्यवहार न्यायालय परिसर में हेल्प डेस्क बनाया गया. वहीं वादों के निबटारे को लेकर 12 बैंच का गठन किया गया था. सभी बैंचों पर न्यायिक पदाधिकारी मौजूद थे. न्यायालय परिसर में मेडिकल टीम की नियुक्ति भी की गयी थी. वहीं लोक अदालत को लेकर कोर्ट परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे. मौके पर प्रिंसिपल जज परिवार न्यायालय राहुल उपाध्याय, एडीजे टू निशिकांत ठाकुर, एडीजे थ्री सुनील कुमार, पोक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ब्रिज किशोर सिंह, एडीजे पांच संतोष दूबे, एडीजे आठ तरूण कुमार झा, विशेष न्यायाधीश उत्पाद अभिषेक मिश्रा, प्रधान मजिस्ट्रेट अरविंद मिश्रा, भवेश कुमार, चेतन आनंद, राखी कुमारी, विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष नागेंद्र नारायण ठाकुर, सचिव दीप नारायण भारती, पंकज झा, सौरभ मोहन ठाकुर, सन्नी कुमार आदि मौजूद थे. स्वागत भाषण सुदीप पांडे ने किया. धन्यवाद ज्ञापन स्वाती चतुर्वेदी ने किया. जबकि संचालन न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम सुदीप पांडे ने किया. राष्ट्रीय लोक अदालत में सुपौल व्यवहार न्यायालय में 12 बेंच तथा वीरपुर न्यायालय में 04 बेंच था. लोक अदालत में सुपौल व वीरपुर में कुल 1099 वादों का निष्पादन किया गया. जिसमें 03 करोड़ 67 लाख 65 हजार 70 रुपये का समझौता हुआ. प्री लिटीगेशन में कुल 834 वादों का निबटारा किया गया. जिसमें 02 करोड़ 90 लाख 69 हजार 270 तथा पोस्ट लिटीगेश में 265 वादों का निबटारा किया गया. जिसमें 76 लाख 95 हजार 800 रुपये का समझौता हुआ. आपसी समन्वय से मामलों को होता है निष्पादन : जिला जज प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनंत सिंह ने कहा कि लोक अदालत बिना आपसी सहभागिता के एवं बड़ा मन किये हुए कभी सफल नहीं हो सकता. दूसरा कोई कुछ भी प्रयास कर ले, लेकिन जब तक पक्षकारगण दिल खोल कर एवं अपना बड़ा मन नहीं रखेंगे और जब तक आपस में समन्वय स्थापित नहीं करेंगे तब तक हमलोगों का कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा. उन्होंने लोगों से अपील करते कहा कि आपलोग अपने-अपने मुकदमे को समाप्त कर लें. यह सुनहरा अवसर है कि एक दिन में मुकदमा खत्म हो जायेगा और फिर इसका कभी कहीं अपील भी नहीं होगा. वहीं लोक अदालत में मौजूद बैंक कर्मियों से कहा कि पक्षकारों से समन्वय स्थापित कर बैंक से संबंधित मामले का अधिक से अधिक निष्पादन हो, इसको लेकर प्रयास करें. जिससे कोई भी व्यक्ति यहां से ना उम्मीद के साथ नहीं लौटे. लोक अदालत में सुलभ व सुगमता से मिलता है न्याय : डीएम डीएम कौशल कुमार ने कहा कि साल का पहला लोक अदालत है. लोक अदालत में कुल 12 बैंच लगाया गया है. जहां सभी न्यायिक पदाधिकारी मौजूद थे. उन्होंने लोगों से लोक अदालत में लगे बैंचों से अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की. कहा कि न्याय की लंबी प्रक्रिया होती है. इसमें पक्षकारों को काफी दिक्कत होता है. न्याय का अपना तरीका है, लेकिन लोक अदालत एक ऐसा माध्यम है, जहां लोगों को सुलभ एवं सुगमता से न्याय मिलता है. लोक अदालत में किसी पक्षकार की ना जीत होती है ना हार. यहां सभी पक्षकारों की सिर्फ जीत होती है. लोगों में जगती है आशा की किरण : एसपी एसपी शैशव यादव ने संबोधित करते कहा कि लोक अदालत को लेकर लोगों में एक आशा जगती है कि हमारे वादों का समाधान हो जायेगा. यहां पर बहुत ही अच्छे व सुलभ तरीके से आपके समस्याओं का समाधान होता है. जितने भी मामले होते है, उसको सुलझाने में लंबा समय लगता है. उसमें लोगों को बहुत तरह की क्षति होती है. लेकिन लोक अदालत में इसका समाधान बहुत ही सुलभ तरीके से हो जाता है.
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