सीवान. शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाने की मुहिम को बड़ा झटका लगा है. 30 वार्डों की सफाई का जिम्मा निभा रही एजेंसी के कार्यकाल समाप्त होने के बाद एक नयी एजेंसी को एक माह के लिए ट्रायल पर नियुक्त किया गया, लेकिन इससे परेशानी और बढ़ गयी है. समय पर सड़कों की सफाई न होने और कचरे के उठान में देरी की शिकायतें बढ़ रही हैं. अधिकतर मुहल्लों में नियमित झाड़ू तक नहीं लग रही, जिससे सड़कों पर दिनभर कचरा फैला रहता है. डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव व्यवस्था लगभग ठप हो चुकी है. कूड़ा प्वाइंट से भी समय पर कचरा नहीं हटाया जा रहा है. कई इलाकों में सफाईकर्मी दोपहर बाद ही कूड़ा उठाते नजर आते हैं. इससे दुर्गंध के बीच लोगों को आने-जाने में कठिनाई हो रही है. शहर की स्वच्छता मिशन के उद्देश्य को देखते हुए यह स्थिति गंभीर चिंता का विषय बन गयी है.
सड़क किनारे कूड़े का अंबार :
वार्ड पार्षद गायत्री देवी ने बताया कि उनके वार्ड के कसेरा टोली और सोनार टोली मुहल्ले में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है. वार्ड पार्षद शोभा देवी ने कहा कि टड़वा और विदुरती हाता मुहल्ले में जगह-जगह सड़क किनारे कूड़े का अंबार लगा हुआ है. सरकारी विद्यालय के समीप भी कूड़ा जमा है. वार्ड पार्षद हसरून निशा ने बताया कि मखदूम सराय मुहल्ले में भी सफाई व्यवस्था प्रभावित है. वार्ड पार्षद शायदा खातून ने कहा कि उनके वार्ड के एमएम कॉलोनी मोहल्ले में पिछले दस दिनों से पूरी तरह सफाई व्यवस्था ठप पड़ी है. इस दौरान कोई भी सफाईकर्मी मुहल्ले में नहीं पहुंच रहा है जिसके कारण जगह-जगह कूड़े और गंदगी का अंबार लगा हुआ है.पहले प्रत्येक माह 30 वार्डों की सफाई पर खर्च होता था 49 लाख
नगर के मुहल्लों की सफाई कार्य को दो हिस्से में विभाजित किया गया है. कुल 45 वार्डों में से 30 की सफाई की व्यवस्था एजेंसी के हवाले है, जबकि अन्य मोहल्ले नगर परिषद के सफाईकर्मियों के जिम्मे है. 30 वार्डों की सफाई पर प्रत्येक माह 49 लाख खर्च होते रहे हैं. ऐसे में खर्च का प्रतिदिन का औसत 1.64 लाख रुपये है. अब इस एजेंसी की निविदा अवधि समाप्त हो जाने के चलते ट्रायल पर एक अन्य एजेंसी को एक माह के लिए दिया गया है, जिसके कामकाज पर लोग सवाल उठा रहे हैं.एजेंसी के कामकाज पर उठते रहे सवाल
नगर परिषद के 30 वार्डों की सफाई एजेंसी के माध्यम से कराने के चलते बड़ा बजट खर्च होता था. भौगऐलिक रूप से देखें तो एजेंसी के जिम्मे अधिकतर वे मुहल्ले रहे हैं,जहां आवासीय क्षेत्र का अभी नया विस्तार हुआ है. ऐसे में यहां न तो पर्याप्त सड़कें हैं और न ही नालियां. लिहाजा यहां के सफाई पर सवाल उठाने वालों की संख्या स्वाभाविक तौर पर कम हो जाती रही. दूसरी तरफ सघन आबादी व व्यावसायिक क्षेत्र के मोहल्ले नगर परिषद के सफाई कर्मियों के जिम्मे रहे हैं, जिनके कामकाज पर सवाल भी अधिक उठते रहे. लिहाजा शिकायतकर्ताओं के मुताबिक एजेंसी पर भारी रकम खर्च करने के बाद भी काम काज का लोड हमेशा कम रहा है.उपसभापति के वार्ड में भी सफाई व्यवस्था ठप
सीवान. नगर परिषद में सफाई व्यवस्था की बदहाली अब उपसभापति के वार्ड तक पहुंच गयी है. नगर परिषद की उपसभापति किरण गुप्ता के वार्ड में पिछले दस दिनों से सफाई कार्य प्रभावित है. स्थानीय लोगों का कहना है कि एजेंसी के सफाईकर्मी मोहल्लों में नहीं पहुंच रहे हैं. वार्ड पार्षद जयप्रकाश गुप्ता ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से स्वच्छता पदाधिकारी को बुला रहे हैं, ताकि उन्हें मौके पर समस्या दिखाई जा सके, लेकिन अब तक वे वार्ड में नहीं पहुंचे हैं. पार्षद ने कहा कि नयी बस्ती महादेवा, रामदेव नगर, नया बाजार, कचहरी परिसर, चित्रगुप्त नगर समेत कई मुहल्लों में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

