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Siwan News : गलन के कारण बेअसर रही दोपहर में निकली धूप, पछुआ हवा से बढ़ी ठिठुरन

कोहरा और तेज ठंड ने जिले में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. पछुआ हवा के प्रभाव से ठंड और बढ़ गयी है.

सीवान. कोहरा और तेज ठंड ने जिले में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. पछुआ हवा के प्रभाव से ठंड और बढ़ गयी है. बुधवार दोपहर में धूप खिली, लेकिन गलन के कारण उसका असर लोगों को महसूस नहीं हुआ. कनकनी और घने कोहरे ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दीं. सुबह से ही लोग धुंध में मुश्किलों का सामना कर रहे थे, वहीं शाम 6 बजे के बाद ठंड ने और अधिक प्रभाव डाला. प्रमुख बाजारों में आमतौर पर दिनभर चहल-पहल रहती है, लेकिन बुधवार शाम सन्नाटे जैसी स्थिति रही.

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दिसंबर के अंत तक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो जायेगा. इसके साथ ही पुरवा हवा का प्रवाह शुरू होगा, जिससे कोहरे और ठंड से राहत मिलने की संभावना है. बुधवार को अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पछुआ हवा की गति सात किमी/घंटे रही. घने कोहरे के कारण दोपहर एक बजे धूप हुई, जिससे थोड़ी राहत मिली, लेकिन शाम चार बजे मौसम फिर बदल गया. गलन भरे मौसम में लोग घरों में रूम हीटर, ब्लोअर और अलाव के सहारे ठंड से बचने की कोशिश करते रहे. मौसम विशेषज्ञ डॉ मनोज कुमार गिरि ने बताया कि कोहरे के साथ पछुआ हवा चलने से गलन बढ़ गयी है. अगले सप्ताह दिन और रात के तापमान में कुछ वृद्धि होगी, और दोपहर में धूप रहेगी. हालांकि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से आकाश में बादल छाये रहेंगे, लेकिन बारिश की संभावना नहीं है.

सुबह छाया रहा कोहरा :

बुधवार की सुबह से दोपहर तक घना कोहरा छाया रहा. कोहरा के चलते लोगों को आवागमन करने काफी कठिनाई हुई. सड़कें वीरान रहीं. वहीं बाजारों में भी रौनक नहीं दिखी. हालांकि दोपहर बाद धूप खिली. बावजूद इसके कनकनी से लोग परेशान दिखे. घर में दुबके बुजुर्ग और बच्चे छत पर धूप सेंकते नजर आये. वहीं लोग पार्क में भी पहुंच कर धूप का आनंद लेते दिखे गये. शाम होते ही ठंड ने अपना रौद्र रूप दिखाया. लोग अपने घरों में दुबकने के लिए मजबूर हो गये. मौसम विभाग ने रविवार तक ठंड व अत्यधिक घना कोहरा होने की संभावना जतायी है.

कभी धूप, तो कभी गलन से खराब हो रही सेहत :

हर दिन बदल रहे मौसम के कारण लोगों की सेहत पर असर पड़ रहा है. तीन दिनों तक सूर्यदेव के दर्शन नही हुए. शीतलहर चल रही थी. वहीं बुधवार को दोपहर बाद धूप निकली. तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है. ऐसे मौसम में थोड़ी भी लापरवाही सेहत के लिए नुकसानदायक बन रही है. फिजिशियन डाॅ संजय गिरि ने बताया कि बदलते तापमान के दौर में लोगों को ठंड लगने का जोखिम अधिक है. यही कारण है कि हार्ट अटैक, पैरालाइसिस के साथ कोल्ड डायरिया के मरीज भी अधिक आ रहे है. इसके साथ ही सर्दी, जुकाम, बुखार के साथ पेट दर्द के मरीज आ रहे है. बच्चे और बुजुर्गों को ठंड लगने से तबीयत खराब हो रही है.

पश्चिमी विक्षोप के सक्रिय नही होने से पड़ रही ठंड :

प्रो. धीरेंद्र गिरि ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के अभाव, अल-नीनो के चलते ठंड व घने कोहरे की स्थिति पांच से छह दिन तक रह सकती है. पश्चिमी विक्षोप के सक्रिय होने पर ही कड़ाके ठंड व कोहरे के प्रकोप से लोगों को राहत मिलेगी. भीषण सर्दी और घने कोहरे का सबसे बड़ा कारण पश्चिमी विक्षोभ का सक्रिय न होना है. इसके अलावा अल नीनो और जेट स्ट्रीम भी जिम्मेदार है. आमतौर पर दिसंबर से जनवरी के बीच पश्चिमी विक्षोभ जिले को प्रभावित करते है, लेकिन इस साल सर्दियों में पश्चिमी विक्षोभ की ऐसी कोई भी गतिविधि देखने को नहीं मिली है. जनवरी के अंत तक भीषण सर्दी, शीत लहर और घने कोहरे का प्रकोप जारी रह सकता है.

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