सीवान. जिले में पेट्रोल और डीजल के फर्जी, बढ़े-चढ़े, दोहरे या काल्पनिक बिलों के माध्यम से सरकारी धन के दुरुपयोग की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिला दंडाधिकारी विवेक रंजन मैत्रेय ने सख्त आदेश जारी किया है. यह आदेश जिले के सभी नगर निकायों, पेट्रोल पंप संचालकों, निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों, लेखापालों और कोषागार से जुड़े कर्मियों पर तत्काल प्रभाव से लागू होगा. डीएम ने स्पष्ट किया कि कुछ पेट्रोल पंप संचालकों द्वारा फर्जी या बढ़ा-चढ़ाकर बिल प्रस्तुत किये जा रहे हैं और कुछ नगर निकाय कर्मियों की लापरवाही या मिलीभगत से ऐसे बिलों का भुगतान हो रहा है. इससे न केवल सरकारी धन की क्षति हो रही है, बल्कि वित्तीय अनुशासन भी भंग हो रहा है. यह स्थिति पेट्रोलियम अधिनियम, 1934, विधिक मापविज्ञान अधिनियम, 2009 और बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2005 का उल्लंघन है. आदेश में कहा गया है कि अब किसी भी कार्यालय द्वारा पेट्रोल या डीजल का कोई भी बिल तब तक भुगतान के लिए पारित नहीं किया जायेगा, जब तक उसका सत्यापन निर्धारित प्रक्रिया अनुसार नहीं हो जाता. वाहन-वार खपत से संबंधित नकद पर्ची या बिल अमान्य होगा. पेट्रोल पंप संचालकों को केवल कंप्यूटर जनित बिल या इनवॉइस जारी करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें लेन-देन की तिथि, समय, वाहन पंजीकरण नंबर, ईंधन की मात्रा, प्रति लीटर दर और बिल संख्या अंकित हो. सभी डिस्पेंसिंग यूनिट विधिक मापविज्ञान विभाग से सत्यापित, अंशांकित और सीलबंद होंगी. हस्तलिखित बिल जारी करने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी, जिसमें लाइसेंस निलंबन या निरस्तीकरण भी शामिल है. निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे वाहन-वार लॉगबुक और जीपीएस रिकॉर्ड का मिलान ईंधन बिलों से करें, मासिक खपत में असामान्य वृद्धि की जांच करें और दोहरे या विभाजित बिलों को तुरंत अस्वीकृत करें. कर्तव्य में लापरवाही पाए जाने पर बिहार सीसीए नियमावली के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी. वरीय कोषागार पदाधिकारी को भी बिल भुगतान से पूर्व मात्रा, दर, बिल संख्या और पूर्व भुगतान की स्वतंत्र जांच करने का निर्देश दिया गया है. नगर निकायों को सभी वाहनों में जीपीएस लगाने, ओडोमीटर से दूरी का मिलान करने, ईंधन कूपन प्रणाली लागू करने और वाहनों के फ्यूल कैप को लॉक करने का आदेश दिया गया है. डीएम ने साफ कहा कि दोषी शासकीय सेवकों के विरुद्ध विभागीय, वसूली और आपराधिक कार्रवाई की जाएगी, जबकि दोषी पेट्रोल पंप संचालकों पर संबंधित अधिनियमों के तहत कड़ी कार्रवाई होगी.
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