सीवान. बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत खरीफ मौसम 2025 के लिए जिले के 283 ग्राम पंचायतों के कुल 1814 किसानों ने फसल क्षति का मुआवजा पाने के लिए आवेदन दिया है. यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में बहुत कम मानी जा रही है. पिछले वर्ष 6465 आवेदन किया गया था। विभागीय प्रक्रिया के तहत विभाग किसानों के दस्तावेजों और उनके द्वारा किए गए आवेदनों का सत्यापन करेगा. इसके लिए समीक्षा कर शीघ्र ही संबंधित अधिकारियों को आदेश निर्गत किए जाएंगे. विभाग द्वारा पिछले सात वर्षों के आंकड़ों के आधार पर किसानों की क्षति और जोखिम का आकलन किया जाता है, जिसके बाद पंचायतवार चयन कर पात्र किसानों की सूची जिला कार्यालय भेजी जाती है.
जिला स्तर पर सत्यापन और निरीक्षण के बाद ही मुआवजा राशि का भुगतान किया जाता है. इस योजना के लिए सबसे अधिक आवेदन सिसवन प्रखंड से प्राप्त हुए हैं. अकेले इस प्रखंड से लगभग 1006 किसानों ने खरीफ मौसम में हुई फसल क्षति की भरपाई के लिए आवेदन किया है. कृषि विभाग के अनुसार हर वर्ष मौसम की अनिश्चितता और प्राकृतिक आपदाओं के कारण सबसे अधिक प्रभावित होने वाले प्रखंडों में सिसवन का नाम शामिल है, जहां किसानों को बार-बार फसल बर्बादी का सामना करना पड़ रहा है.अधिकतम दो हेक्टेयर तक दिया जाता है मुआवजा
गौरतलब है कि बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत बिहार सरकार किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है. योजना के अनुसार, यदि किसी किसान की फसल को 20 प्रतिशत तक नुकसान होता है तो 7500 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जाती है. वहीं 20 प्रतिशत से अधिक क्षति पर किसानों को 10,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता राशि प्रदान की जाती है. एक किसान को अधिकतम 2 हेक्टेयर तक के क्षेत्रफल पर फसल सहायता दी जाती है. इस योजना का लाभ रैयत, गैर रैयत तथा आंशिक रैयत-गैर रैयत श्रेणी के सभी किसानों को प्रदान किया जाता है.सिसवन प्रखंड के कई पंचायतों में पिछले दिनों आई घनघोर बारिश और चक्रवाती हवाओं ने खरीफ फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. आरटीआइ एक्टिविस्ट विकास सिंह ने जिला कृषि पदाधिकारी को पत्र लिखकर बताया है कि 3 अक्टूबर की रात्रि से 4 अक्टूबर की सुबह तक हुई लगातार वर्षा तथा तेज हवाओं के कारण धान, अरहर और अन्य खरीफ फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. उनके अनुसार प्रखंड के रामगढ़ पंचायत को छोड़कर लगभग सभी पंचायतों में किसानों की फसलों का भारी नुकसान हुआ है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ा है. विकास सिंह ने जिला कृषि विभाग से आग्रह किया है कि प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल भौतिक सत्यापन कराया जाए ताकि किसानों की वास्तविक क्षति दर्ज की जा सके. उन्होंने विभाग से मांग की है कि फसल सहायता योजना और क्षतिपूर्ति मद से किसानों को जल्द से जल्द राहत राशि उपलब्ध कराई जाए. उ
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