सीवान. प्रभात खबर में 19 अगस्त को ””स्वास्थ्य विभाग ने जिसे नेत्रहीन का प्रमाणपत्र दिया, वह चलाता है बाइक”” खबर प्रकाशित होने के बाद सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने मेडिकल बोर्ड में युवक को 100 प्रतिशत दिव्यांगता देने वाले नेत्र सर्जन एवं सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ अनिल कुमार सिंह से कारण पृच्छा किया है कि किन परिस्थितियों में आपके द्वारा इस तरह की लापरवाही की गयी, जिससे स्वास्थ्य विभाग की छवि धूमिल हुई है.
उन्होंने कहा है कि उपरोक्त मामले की जांच कार्यालय अभिलेखों के आधार पर करने से ज्ञात हुआ की मो इमरान, दिव्यांग को आपके द्वारा जांचोपरांत 100% नेत्रहीन दिव्यांगता दिया गया है, जबकि प्रिंट मीडिया द्वारा प्रकाशित खबर में अंकित है कि उक्त दिव्यांग शहर में आराम से बाइक चलाता है.तीन डॉक्टरों का मेडिकल बोर्ड करेगा इमरान की आंखों की जांच
शहर के शुक्ला टोली निवासी मो इमरान को सदर अस्पताल के दिव्यांग मेडिकल के नेत्र सर्जन द्वारा नेत्रहीन 100 प्रतिशत दिव्यांग होने का प्रमाण पत्र देने वाले विवादास्पद मामले की दुबारा जांच के लिए सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने तीन आंख के डॉक्टरों का मेडिकल बोर्ड का गठन कर दिया है. मेडिकल बोर्ड में नेत्र सर्जन डॉ चंदन सिंह, डॉ राघवेंद्र बाजपेई एवं डॉ कुमारी दीपिका शामिल हैं. सिविल सर्जन ने आरोपों की जांच के लिए यह कदम उठाया है, ताकि प्रमाणपत्र की वैधता और प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके. सिविल सर्जन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, यह बोर्ड मामले की गहन जांच करेगा और रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा. बोर्ड में शामिल डॉक्टर आंख से संबंधित चिकित्सा विशेषज्ञ हैं, जो प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया, मेडिकल रिपोर्ट और दिव्यांगता के मानकों की समीक्षा भी करेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

