सीवान. राज्य के सभी जिला और अनुमंडल अस्पतालों में मातृ एवं नवजात शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने ‘जीवन दीप मेंटरिंग कार्यक्रम’ शुरू किया है.इस पहल का उद्देश्य सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करना, नवजात शिशुओं को बेहतर चिकित्सकीय देखभाल उपलब्ध कराना और मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है. राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं. राज्य स्तर पर प्रशिक्षण इस कार्यक्रम के तहत लेबर रूम, सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट और न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट में कार्यरत स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ और स्टाफ नर्सों को राज्य स्तर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिया गया हैय मेंटर नर्स करेंगी मार्गदर्शन कार्यक्रम के तहत प्रत्येक डिलीवरी प्वाइंट पर मेंटर नर्स तैनात की जाएंगी, जो लेबर रूम की टीम को निरंतर मार्गदर्शन और प्रशिक्षण देंगी. इससे सुरक्षित प्रसव के मानकों का पालन सुनिश्चित होगा. साथ ही, एसएनसीयू और एनबीएसयू में भर्ती नवजात शिशुओं को समय पर गुणवत्तापूर्ण देखभाल मिलेगी. ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहुंचेगी सुविधा ‘जीवन दीप मेंटरिंग कार्यक्रम’ से शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में सुरक्षित प्रसव की दर बढ़ाने का लक्ष्य है. प्रशिक्षित नर्सें और डॉक्टर गांव-स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों में मानक प्रक्रियाओं के अनुसार सेवाएं देंगे, जिससे प्रसवोत्तर जटिलताएं कम होंगी. कार्यक्रम का उद्देश्य सिविल सर्जन डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाना, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना और ग्रामीण क्षेत्रों में भरोसेमंद प्रसव सेवाएं उपलब्ध कराना है.
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