प्रतिनिधि,पचरुखी. पिछले दिनों मोंथा चक्रवात के दौरान हुई झमाझम बारिश में प्रखंड के किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. बारिश के बाद खेतों में पानी भर जाने से धान की खड़ी फसल को काफी नुकसान हुआ. अब पानी घटने के बाद किसान खेतों में उतरकर गिरी हुई फसल को किसी तरह छानकर काट रहे हैं, ताकि कुछ अनाज बचाया जा सके चांदपुर के किसान भुटेली यादव बताते हैं कि चार महीने की मेहनत एक झटके में बर्बाद हो गई.जो फसल तैयार थी, वह पानी में गिरकर सड़ने लगी है. अब जितना बचेगा, उसी से घर का गुजारा चलेगा. वहीं निर्मल पटेल का कहना है कि धान कटाई में देरी और खेतों में जलजमाव के कारण अब रबी की बुआई मुश्किल दिख रही है. जमीन सूखे बिना जुताई संभव नहीं है.उन्होंने कहा कि प्रकृति के आगे बेबस हैं, पर उम्मीद नहीं छोड़ी है. कीचड़ में ही धान की फसल काट रहे हैं. कृषि समन्वयक उमेश कुमार सिंह, शशिकांत कुमार सिंह ,उपेंद्र कुमार व अन्य का कहना है कि रबी फसल की बुआई शुरू होने में विलंब हो सकता है. वर्तमान स्थिति को देखते हुए इस बार बुआई में दो से तीन हफ्ते की देरी हो सकती है. खेतों में जमा पानी सूखने और भूमि तैयार होने में समय लगेगा. किसानों का कहना है कि जलनिकासी की समुचित व्यवस्था और बीज व खाद की समय पर उपलब्धता नहीं हुई, तो रबी सीजन पर इसका सीधा असर पड़ेगा. इस बीच कई किसान फसल क्षति का सर्वे कर मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
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