प्रतिनिधि, सीवान.सीवान का सुता मिल के कर्मचारी लंबे समय से अपने बकाये वेतन और अन्य लाभों के लिए संघर्ष कर रहे थे. कर्मचारी यूनियन ने उच्च न्यायालय पटना में रिट याचिका संख्या 21046/2018 दायर की थी. लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि दो माह के भीतर सभी कर्मचारियों को उनके बकाया वेतन एवं अन्य लाभों का भुगतान करें. इसके बाद राज्य सरकार ने इस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की. लेकिन वहां भी सरकार को कोई राहत नहीं मिली. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ एवं संदीप मेहता की खंडपीठ ने सरकार के आवेदन को अस्वीकार कर दिया और पहले दिये गये आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया. इधर संघर्ष के दौरान 300 से अधिक कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. लेकिन उनके परिजनों को भी कोई राहत नहीं मिली. कर्मचारियों ने लंबे समय तक बिना वेतन काम किया और बाद में मिल के बंद होने के बाद भी न्याय की आस में संघर्षरत रहे. कर्मचारी यूनियन के सचिव बच्चा सिंह एवं कोषाध्यक्ष संजय चौधरी ने कहा कि हमने राज्य सरकार को उच्चतम न्यायालय के आदेश की जानकारी दे दी है. अब सरकार से निवेदन है कि कर्मचारियों की दयनीय स्थिति को देखते हुए मानवीय आधार पर उनके बकाये वेतन और अन्य लाभों का शीघ्र भुगतान करें.
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