प्रतिनिधि,सीवान. राज्य सरकार के अनुरोध पर रेल मंत्रालय ने जिले के दो आरओबी सहित बिहार में 64 आरओबी के निर्माण को हरी झंडी दी है.साथ ही 47 अन्य और आरओबी बनाने पर सहमति दी गई है. इसको लेकर पथ निर्माण विभाग द्वारा जानकारी दी गयी है.इस सूची में सीवान-जीरादेई रेलखंड के पकवालिया गांव के समीप गेट संख्या 93 ए एवं जीरादेई स्टेशन के समीप स्थित गेट संख्या 96 शामिल है. नये आरओबी के के निर्माण से अत्यधिक भीड़ वाले समपार से आम जनता को मुक्ति मिलेगी बल्कि अधिक सुरक्षित और निर्बाध आवागमन की सुविधा भी मिलेगी. ढाला बंद होने पर बाइपास रोड पर लगता है जाम शहर के अंदर से भारी वाहनों के दिन में प्रवेश प्रतिबंधित होने के कारण ये सीवान बाइपास रोड होकर ही वाहन गुजरते हैं.यह बाइपास मार्ग शहर के दारोगा प्रसाद महाविद्यालय के बगल से निकलकर पकवलिया होते हुए आंदर ढाला ओवर ब्रिज व रेलवे स्टेशन होते हुए बाहर निकल जाती है.इस सड़क पर दिनभर बड़ी संख्या में वाहनों की आवाजाही रहती है.पकवलिया ढाला बंद होने के स्थिति में जाम लग जाता है. जीरादेई रेलवे ढाला होते हुए लोग जाते हैं प्रथम राष्ट्रपति के गांव रेलवे द्वारा स्वीकृत दूसरा आरओबी का निर्माण जीरादेई रेलवे ढाला पर किया जाना है.इस ढाला होकर यह मार्ग प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद के पैतृक गांव जीरादेई तक जाती है.यहां ब्रिज बन जाने की स्थिति में प्रथम राष्ट्रपति के गांव तक जाने के दौरान लोगों को जाम से नहीं जुझना पड़ेगा. आरओबी के निर्माण की शत् प्रतिशत लागत राशि का वहन रेलवे करेगी. साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग के लेफ्ट आउट पर 07 अतिरिक्त आरओबी भी निर्मित होंगे.इनमें मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान घोषित सीवान शहर के सिसवन रेलवे ढाला सहित सात आरओबी भी शामिल है जिसे सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए निर्माण कराया जायेगा.रेल मंत्रालय ने सीवान जिले के दो आरओबी के निर्माण की स्वीकृति दिए जाने पर लोगों स्वागत करते हुए कहा है कि आरओबी के निर्माण हो जाने से जहां एक तरफ लोगों को एक तरफ ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी.वहीं दूसरे तरफ आने जाने में कम समय लगेगा.ट्रेनों का परिचालन भी समय से हो सकेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है