प्रतिनिधि. सीवान: जिले में सरकारी गोदामों पर किसानों से खरीदे गए धान की कुटाई के बाद सीएमआर चावल लिए जाने की प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है. गोरेयाकोठी के विधायक देवेश कांत सिंह ने आरोप लगाया है कि सीएमआर गोदाम पर एजीएम की मिलीभगत से खराब एवं सड़ा हुआ चावल लिया जा रहा है. जिसे बाद में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जा रहा है. विधायक सिंह ने कहा कि गोरेयाकोठी और बसंतपुर क्षेत्र के पीडीएस दुकानदारों से लगातार शिकायत मिल रही है कि चावल के बोरे में सड़ा हुआ चावल दिया जा रहा है. जिसे उपभोक्ता लेने से मना कर रहे हैं. साथ ही, चावल के बोरों में वजन भी कम पाया गया है. सामान्यतः एक बोरे का वजन 50 किलोग्राम होना चाहिए, लेकिन बोरों का वजन केवल 45 से 46 किलोग्राम ही रह रहा है. विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि एजीएम द्वारा गोदाम पर बिना उचित वजन जांच के ही चावल स्वीकार कर लिया जाता है. इसके अतिरिक्त, पीडीएस दुकानदारों को दबाव डालकर जबरन खराब चावल रिसीव कराया जा रहा है और विरोध करने पर दुकानों की जांच कराने की धमकी दी जाती है. इस गंभीर मुद्दे को संज्ञान में लेते हुए महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सीग्रीवाल ने तत्काल प्रभाव से जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने कहा कि एक विशेष टीम गठित कर इस पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच कराई जाएगी ताकि दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा सके. विधायक ने मांग की है कि सीएमआर चावल के वितरण और गुणवत्ता की नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए तथा पीडीएस उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न उपलब्ध करायी जाये. उन्होंने कहा कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो जनहित में आंदोलन भी किया जाएगा. जिला प्रबंधक आसिफ इकबाल ने कहा कि चावल की गुणवत्ता सही रह रहा है. अभी तक इस तरह की शिकायत कहीं से नहीं मिली है.
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