प्रतिनिधि, सीवान. सारण प्रमंडल की 14 समितियों ने धान तो खरीद लिया, लेकिन अब तक एक छटांक भी चावल राज्य खाद्य निगम को नहीं दिया.यह लापरवाही अब उनके लिए भारी पड़ने वाली है. मुख्यालय ने सभी समितियों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है. सीवान की भी चार समितियां इसमें शामिल हैं. इसके अलावा गोपालगंज के नौ और सारण के एक समिति चिन्हित है. जिन्हें एक हफ्ते के भीतर चावल आपूर्ति का निर्देश दिया गया है. तय समय में आपूर्ति नहीं हुई तो संबंधित पैक्स और सहकारिता पदाधिकारियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है. सहकारिता विभाग ने इस बार चावल देने का समय सीमा बढ़ाये जाने के बाद सख्त रुख अपनाया है, ताकि 10 अगस्त तक सभी पैक्स ससमय चावल जमा कर सके. देरी करने वाले संबंधित पैक्स का गोदाम की जांच से चावल आपूर्ति में देरी की असली वजह सामने आ सकती है. इधर निबंधक कार्यालय से पत्र आने के बाद हड़कंप मच गया है. बताया जाता है कि खरीफ विपणन मौसम 2024-25 में धान अधिप्राप्ति के बाद भी अब तक चावल (सीएमआर) की आपूर्ति नहीं करने वाली समितियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी है. राज्य सहकारिता विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिले की चार पैक्स के विरुद्ध सख्त रुख अपनाया है. इसमें बड़हरिया प्रखंड के चौकी हसन, मैरवा प्रखंड के मुड़ियारी, हसनपुरा प्रखंड के सहुली और जीरादेई प्रखंड के बढेया पैक्स शामिल है. चावल आपूर्ति की निगरानी ठीक से नहीं हो पा रही संयुक्त निबंधक सहयोग समितियां बिहार के स्तर से जिला सहकारिता पदाधिकारी सीवान को पत्र भेजकर एक सप्ताह के भीतर सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. जिले से मिली रिपोर्ट के अनुसार जिले की चार समितियों ने अब तक राज्य खाद्य निगम को एक भी क्विंटल चावल की आपूर्ति नहीं की है, जबकि धान की खरीद हो चुकी है. विभाग ने इस मामले को गंभीर लापरवाही मानते हुए कहा है कि पूर्व में कई बार बैठक और पत्राचार के जरिए समय पर चावल आपूर्ति सुनिश्चित करने को लेकर निर्देश दिए जा चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद जिन समितियों ने अब तक चावल नहीं दिया है, उनके खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पत्र में कहा गया है कि जिले में चावल आपूर्ति की निगरानी ठीक से नहीं हो पा रही है. जिससे प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं. यह जिला सहकारिता कार्यालय की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाता है. ऐसे में निर्देश दिया गया है कि संबंधित समितियों का विशेष अनुश्रवण और भौतिक सत्यापन कराया जाए. साथ ही उन्हें एक सप्ताह के भीतर राज्य खाद्य निगम को चावल की आपूर्ति करने को बाध्य किया जाए. यदि इसके बावजूद कोई समिति या अधिकारी लापरवाही करते हैं या अनियमितता पाई जाती है तो संबंधित पैक्स और प्रभारी सहकारिता प्रसार पदाधिकारी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. चूक होती है तो पैक्स और सहकारिता प्रसार पदाधिकारी पर कार्रवाई तय- विभाग ने साफ किया है कि चावल आपूर्ति के मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और समय पर लक्ष्य पूरा करना जरूरी है. समितियों द्वारा निर्धारित लक्ष्य की जगह 97337.428 टन धान की खरीदारी की गई है. धान खरीद के हिसाब से क्रय समितियों को 66037.21 टन चावल जमा करना है. अबतक 50439.689 टन चावल जमा किया गया है. अभी भी 15597.521 टन चावल जमा करना शेष रह गया है. सारण प्रमंडल के संयुक्त निबंधक सैयद मसरूक आलम ने कहा कि जिन समितियों ने अब तक चावल (सीएमआर) की आपूर्ति नहीं की है, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा. विभाग की ओर से कई बार समय पर चावल देने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन कुछ समितियों ने बिल्कुल भी गंभीरता नहीं दिखाई.
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