सीवान. मछली पकड़ने या मत्स्य पालन कार्य के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर अब मछुआरों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी. जिला मत्स्य विभाग की ओर से वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जिले के सभी प्रखंडों से कुल 1465 मछुआरों का चयन किया गया है, जिन्हें प्रधानमंत्री मछुआ दुर्घटना बीमा योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा. विभाग को इस वित्तीय वर्ष में करीब 2000 मछुआरों को योजना से जोड़ने का लक्ष्य मिला था, जिसमें अभी और आवेदन प्राप्त हो रहे हैं. शेष पात्र मछुआरों को भी आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद योजना का लाभ दिया जाएगा.
प्रधानमंत्री मछुआ दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत मछली पकड़ने, तालाब में कार्य करने या मछली पालन से जुड़ी गतिविधियों के दौरान यदि किसी मछुआरे की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिजनों या आश्रितों को पांच लाख रुपये तक की सहायता राशि दी जाएगी.वहीं, किसी दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने पर ढाई लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. इसके अलावा, मामूली चोट लगने की स्थिति में 25 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी. पहले इस योजना के तहत दुर्घटना में मौत होने पर केवल दो लाख रुपये का प्रावधान था, जिसे इस वर्ष बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है. इसी तरह घायल होने पर मिलने वाली राशि भी बढ़ाई गई है.मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के सदस्यों को लाभ
जिला मत्स्य विभाग के अनुसार इस योजना का लाभ केवल उन मछुआरों को दिया जा रहा है, जो प्रखंडस्तरीय मत्स्यजीवी सहयोग समितियों से जुड़े हुए हैं. चयनित मछुआरों को किसी भी प्रकार का प्रीमियम नहीं देना होगा. प्रधानमंत्री मछुआ दुर्घटना बीमा योजना की प्रीमियम राशि का 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है. यह योजना ग्रुप एक्सीडेंट इंश्योरेंस स्कीम (जीएआईएस) के तहत लागू की गई है. इस संबंध में जिला मत्स्य पदाधिकारी चंदन कुमार ने बताया कि मछली पकड़ने के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर चयनित मछुआरों को मुआवजा दिया जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

