प्रतिनिधि, सीवान. तल्ख धूप व उमस भरी गर्मी ने जिले वासियों को बेहाल कर दिया है. गर्मी और उमस के कारण पसीने से तरबतर लोग दिन भर राहत पाने के लिए छांव की तलाश करते दिखे. पशु पक्षी पानी की तलाश में इधर उधर भटकते दिखे. तीन-चार दिनों से उमस और गर्मी से लोग बेहाल हो गये है. मंगलवार को जिले का अधिकतम तापमान 40 डिग्री और न्यूनतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. मौसम विभाग द्वारा 15 जून तक गर्मी का ऐसा ही दौर जारी रहने का अंदेशा जताया गया है. इस दौरान पारा 40 से 42 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना जतायी गयी है. मौसम विशेषज्ञ डॉ मनोज कुमार गिरी का कहना है कि एंटी साइक्लोनिक डेवलपमेंट की वजह से ही मौसम में यह बदलाव हुआ है. फिलहाल गर्मी से कोई राहत नहीं मिलने वाली है. तापमान में भी बढ़ोतरी जारी रह सकती है. इधर तापमान के 40 डिग्री पार पहुंचने से आसमान से ऐसा लग रहा है जैसे आग का गोला बरस रहा है. इसके कारण जनजीवन अस्त व्यस्त दिख रहा है. लोग बहुत जरूरी काम से ही घर से निकल रहे हैं. तकरीबन एक सप्ताह से पारा लगातार उछाल पर है. 35 डिग्री सेल्सियस से पारा 40 डिग्री तक जा पहुंचा है. पारे के तेजी से चढ़ने से लोगों की परेशानियों में लगातार इजाफा होता जा रहा है. रात और दिन के तापमान में सिर्फ पांच डिग्री का रह रहा अंतर मौसम की बेरुखी के चलते दिन व रात के तापमान में पांच डिग्री सेल्सियस का ही अंदर रहा है. जिसके चलते लोगों की रात में भी सुकून नही मिल रहा है. सोमवार की रात करीब 11 बजे 35 डिग्री तापमान था. जबकि सोमवार को दोपहर 2:00 बजे 40 डिग्री सेल्सियस तापमान था. हालांकि सुबह 4:00 बजे 31 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया. लोगों ने बताया कि जितना तापमान दर्ज हो रहा है, उससे कहीं ज्यादा गर्मी महसूस हो रही है. मौसम का यह मिजाज स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है. इसलिए इससे बचाव करना जरूरी है. मॉनसून के सक्रिय होने पर ही मिल सकती है राहत मानसून के सक्रिय होने पर ही गर्मी से राहत मिल सकती है. मौसम विशेषज्ञों का मानना है 15 जून तक जिला में मानसून सक्रिय हो जाएगा. विज्ञान के शिक्षक ब्रजकिशोर यादव ने बताया कि इस साल प्री-मानसून की बारिश नही हुई है. पुरवा हवा के प्रभाव के चलते उमस भरी गर्मी पड़ रही है. कार्बन डाईआक्साइड, मिथेन सहित अन्य गैस के उत्सर्जन के कारण तापमान में लगातार वृद्वि हो रही है. जिससे लोगों को 40 डिग्री का तापमान रहने पर 46 डिग्री के तापमान जैसी गर्मी महसूस हो रही है. तारकोल की सड़क और कंक्रीट की इमारत ऊष्मा को अपने अंदर सोखती है और उसे दोपहर और रात में छोड़ती है. इन कारणों से जितना तापमान रह रहा है, उससे ज्यादा गर्मी महसूस हो रही है.
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