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Siwan News : पारंपरिक खेती से निकलकर किसान आधुनिक कृषि यंत्रों का करें उपयोग

जिला कृषि कार्यालय परिसर में दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेले का आयोजन किया गया.

सीवान. किसानों को आधुनिक खेती की ओर प्रोत्साहित करने और कृषि कार्यों में यांत्रिकीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कृषि विभाग की ओर से बुधवार को जिला कृषि कार्यालय परिसर में दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेले का आयोजन किया गया. इस मेले में किसानों को नयी तकनीकों से रूबरू कराने के लिए कुल 22 स्टॉल लगाये गये हैं, जिनके माध्यम से 91 प्रकार के आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रदर्शन किया जा रहा है. मेले का उद्देश्य खेती को कम लागत में अधिक लाभकारी बनाना और किसानों की आय में वृद्धि करना है. मेले का उद्घाटन मुख्य अतिथि जिला परिषद अध्यक्ष संगीता देवी ने किया. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपविकास आयुक्त मुकेश कुमार, भाजपा जिलाध्यक्ष राहुल तिवारी, उपनिदेशक कृषि यांत्रिकीकरण आलोक कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी आलोक कुमार, उपपरियोजना निदेशक आत्मा केके चौधरी, अनुसूचित मोर्चा के जिलाध्यक्ष अजय पासवान तथा जदयू की पूर्व महिला अध्यक्ष सुशीला देवी मौजूद रहीं. सभी अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर मेले का शुभारंभ किया. उद्घाटन के बाद उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए उपविकास आयुक्त मुकेश कुमार ने कहा कि यदि किसानों को अपनी आय दोगुनी करनी है, तो उन्हें पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग करना होगा. उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ खेती के तौर-तरीकों में बदलाव जरूरी है. आधुनिक तकनीक अपनाकर किसान कम समय में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. उपविकास आयुक्त ने यह भी कहा कि आधुनिक यंत्रों से न केवल श्रम की बचत होती है, बल्कि समय पर कार्य होने से फसलों की उत्पादकता बढ़ती है और लागत में भी कमी आती है. उपनिदेशक कृषि यंत्रीकरण आलोक कुमार ने किसानों से अपील की कि वे सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और यंत्रीकरण को अपनाएं. जिला कृषि पदाधिकारी आलोक कुमार ने कहा कि अधिकतर किसान खेती में आने वाली कुल लागत का सही डाटाबेस तैयार नहीं करते, जिससे उन्हें यह स्पष्ट नहीं हो पाता कि खेती से उन्हें लाभ हुआ या हानि. यदि किसान पारंपरिक तरीके से की गयी खेती और आधुनिक यंत्रों के प्रयोग से की गई खेती का तुलनात्मक डाटा तैयार करें, तो उन्हें वास्तविक लाभ की जानकारी मिलेगी. इससे भविष्य की खेती की बेहतर योजना बनाने में भी सहायता मिलेगी. कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र भगवानपुर के वैज्ञानिक कृष्णा छेत्री ने किसानों को फसल में खाद के संतुलित प्रयोग और फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि खेतों में फसल अवशेष जलाने से मिट्टी की उर्वरता नष्ट हो जाती है और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है. मेले में अनुदानित दर पर कृषि यंत्रों की खरीद के लिए करीब दो हजार किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया है. मौके पर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी आनंद चौधरी, विभाग के कर्मी मनीष कुमार, कृषि समन्वयक मनोरंजन कुमार, राम मनोहर सहित सभी बीएओ, किसान सलाहकार, कृषि समन्वयक और सैकड़ों किसान उपस्थित रहे.

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