प्रतिनिधि, सीवान. जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र के वित्त निगम लिमिटेड संभाग ने कुल 1607 डिफाल्टर छात्र-छात्राओं पर कार्रवाई करने निर्देश जारी किया है. इसमें से अबतक 996 छात्र-छात्राओं पर सर्टिफिकेट केस किया गया है. इनमें से अबतक 11 छात्र-छात्राओं से राशि की वसूली की जा चुकी है. जबकि 515 छात्र-छात्राओं पर सर्टिफिकेट केस किया जाना बाकी है. वहीं 380 को नोटिस भेजा गया है. वित्त निगम लिमिटेड के जिला प्रबंधक सुधीर कुमार ने बताया कि जिले में बिहार स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड योजना के तहत डिफाल्टर लाभार्थियों से ऋण की वसूली के लिए सर्टिफिकेट केस जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी के पास दायर की गई है. वहीं इससे पूर्व भी लाभार्थियों पर सर्टिफिकेट केस दायर किया जा चुका है. जिन छात्रों ने लोन लिया था, उन्हें रकम की वापसी के लिए कई बार नोटिस भेजा गया. इसके बावजूद भी उन्होंने पैसा जमा नहीं किया, इसलिए जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी को केस दर्ज करने की अनुशंसा की गई थी. एक भी किस्त नहीं चुकाने वाले इन छात्रों के खिलाफ बिहार राज्य वित्त निगम की अनुशंसा पर जिला प्रशासन की तरफ से सर्टिफिकेट केस दर्ज कराया गया है. बताते चलें कि सरकार आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आर्थिक हल युवाओं को बल कार्यक्रम के तहत बिहार स्टूड़ेट क्रेडिट कार्ड योजना चला रही है.योजना के तहत शिक्षा अवधि पूरी होने के एक साल बाद तक ऋण का भुगतान करने पर कोई ब्याज नहीं लगता है. वहीं बेरोजगार रहने की स्थिति में पांच वर्ष तक प्रत्येक साल में दो बार शपथ पत्र जमा करने पर सर्टिफिकेट केस दायर नहीं होता है. बावजूद इसके बड़ी संख्या में ऐसे छात्र-छात्राएं हैं, जो कि इस योजना का लाभ लेकर अपनी पढ़ाई तो पूरी कर ली है, लेकिन अबतक ना तो ऋण का भुगतान कर रहे हैं और न ही शपथ पत्र ही दाखिल किए हैं. लिहाजा ऐसे लाभार्थियों पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है